तेहरान : ईरान के हफ़्त तप्पेह चीनी मिल श्रमिकों ने बकाया मजदूरी और मिल को फिर से सार्वजनिक करने की मांग को लेकर पिछले 30 दिनों से हड़ताल शुरू की है। दक्षिण-पश्चिमी ईरान के शुश में हफ़्त तप्पेह चीनी मिल के मज़दूरों को लगभग तीन महीने के बिना मजदूरी के 12 जून को बाहर बाहर का रास्ता दिखाया गया। मजदूरों ने कहा कि, मजदूरी नही मिलने से उन्हें उधार की रोटी के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए, अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के लिए ईरान शासन को ज़िम्मेदार ठहराया।
श्रमिक सुधारित नियमों और शर्तों के लिए भी दबाव डाल रहे हैं। हफ़्त तप्पेह चीनी मिल को 1961 में स्थापित किया गया और मिल द्वारा साल में 100,000 टन चीनी का उत्पादन किया जाता है। 2016 में जब कंपनी का निजीकरण हुआ। उस समय भी श्रमिकों ने आंदोलन किया था। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ फूड, एग्रीकल्चर, होटल, रेस्त्रां, कैटरिंग, टोबैको एंड एलाइड वर्कर्स एसोसिएशंस ने आंदोलनकारियो को एकजुटता की पेशकश की और सरकार से मजदूरों के वेतन का भुगतान करने का आह्वान किया।
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