इस्लामाबाद, पाकिस्तान: गन्ना किसानों के सरकारी सब्सिडी में हेराफेरी के मामले में फर्जी बैंक खातों के मामले की सुनवाई कर रही जवाबदेही अदालत ने मंगलवार को चार आरोपियों को अपराधी (पीओ) घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की। जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश अशगर अली ने मामले की सुनवाई करते हुए, अली कमल मजीद, निम्र मजीद, मनाहिल मजीद और साइमा मजीद सहित चार अभियुक्तों को बार-बार समन जारी करने के बावजूद मामले में मुकदमे में शामिल न होने के कारण अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। सुनवाई की शुरुआत में, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के जांच अधिकारी (आईओ) ने अदालत को सूचित किया कि, अदालत द्वारा जारी किए गए चार आरोपियों को वारंटों को लागू नहीं किया गया, क्योंकि वे अपने निवास पर नहीं पाए गऐ। जांच से पता चला कि ओमनी समूह की आठ चीनी मिलों को दी गई 728.18 करोड़ रुपये की सब्सिडी में से 346 करोड़ रुपये की कथित रूप से हेराफेरी की गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने आदेश दिया कि, आरोपी व्यक्तियों को 12 नवंबर को अदालत में पेश होने का अंतिम मौका दिया गया था, ताकि उनके खिलाफ आरोपों का बचाव किया जा सके, लेकिन उन्होंने यह मौका गवाया है। आरोपी अब्दुल गनी मजीद और ख्वाजा मुस्तफा जुल्कारनैन अदालत में पेश हुए, लेकिन उसके पहले राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने इस संदर्भ में 40 आरोपियों को नामजद किया है। प्रांतीय गन्ना आयुक्त के माध्यम से सिंध सरकार ने विभिन्न चीनी मिलों को गन्ना किसानों को 2014-2015 के लिए गन्ने की आपूर्ति के लिए सब्सिडी के रूप में 3.9 बिलियन का भुगतान किया था। अनवर मजीद के ओमनी समूह के स्वामित्व वाली आठ चीनी मिलों, और उनके चार बेटों, अब्दुल गनी मजीद, निम्र मजीद, मुस्तफा जुल्कारनैन मजीद और अली कमल मजीद के खिलाफ जांच की गई थी।
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