पुणे: वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (VSI) द्वारा आयोजित तीसरे अंतरराष्ट्रीय चीनी सम्मेलन में बोलते हुए केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की, भविष्य की योजनाएँ, भविष्य की दृष्टि, भविष्य की तकनीक के साथ गन्ने की फसल और चीनी उद्योग से संबंधित भविष्य की योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि यह सम्मेलन भारत के इस उद्योग और किसान के लिए एक नई उपयुक्त दृष्टि को प्रेरित करने वाला है। वर्तमान में, हमे चीनी उत्पादन से ज्यादा उपउत्पाद पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। हम 85 प्रतिशत फोसिल फ्यूल आयात करते हैं, और अब हमे सोचना है की क्या हम फोसिल फ्यूल की जगह एथेनोल का उत्पादन बढ़ाकर फोसिल फ्यूल का आयात कम कर सकते है। इन्डियन आयल ने देश भर में 300 एथेनोल पंप स्थापित करने की योजना बनाई है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को चीनी मिल मालिकों को आश्वासन दिया कि एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी के उपयोग पर सरकार की नीति के कारण उनकी समस्याओं का समाधान अप्रैल के बाद ढूंढ लिया जाएगा और उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए।
पश्चिमी महाराष्ट्र में गन्ने की खेती में काफी प्रगति हुई…
मंत्री गडकरी ने कहा, पिछले कुछ सालों में चीनी उद्योग के साथ साथ गन्ना खेती में भी काफी सुधार हुआ है। पश्चिमी महाराष्ट्र में गन्ने की खेती में काफी प्रगति हुई है, किसानों की आय और एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट में भी काफी इजाफा हुआ है। वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट ने गन्ना खेती को बढ़ावा देने में काफी अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में, हम चीनी उद्योग से किस तरह के उत्पादों का निर्माण करते है, वह काफी महत्वपूर्ण है। वर्तमान में दुनिया में काफी संशोधन हुआ है, और चल रहा है। मै हमेशा लोगों को बताता हूँ की, अपने नोलेज को संपती में बदलने से ही देश का भविष्य बदलेगा। इनोवेशन, एन्त्रप्रेनरशिप, सायन्स, टेक्नोलॉजी, रिसर्च स्किल्स इस नोलेज को वेल्थ में बदलने से देश का भविष्य भी जरुर बदलेगा।
चीनी की जगह हमे उपउत्पाद के निर्माण पर जोर देना चाहिए…
उन्होंने कहा, जब भारत के एग्रीकल्चर की बात आती है, तो गन्ना महत्वपूर्ण फसल है। लेकिन अब चीनी उत्पादन बढाने से सवाल खत्म नही होगा, इसलिए हमे उपउत्पाद के निर्माण पर जोर देना चाहिए। हमारे किसानों के विकास के लिए भविष्य की योजनाएं, भविष्य की दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अगर गन्ना उद्योग के महत्व को समझना है, तो सबसे पहले हमें यह समझने की आवश्यकता है कि भारत की कृषि की वर्तमान समस्याएं क्या हैं। हमारे पास चीनी अधिशेष है, हमारे पास मक्का अधिशेष है, चावल और गेहूं अधिशेष है। अब समस्या यह है कि हरित क्रांति के कारण हमारी उत्पादकता में वृद्धि हुई है। उर्वरक दर में भी वृद्धि लेकिन दुर्भाग्य से गेहूं, चावल, मक्का और चीनी की दर में वृद्धि नहीं हुई है क्योंकि मांग से आपूर्ति जादा है।
अधिशेष आपूर्ति देश के लिए अच्छी है, लेकिन किसानों के लिए नही…
मंत्री गडकरी ने कहा अधिशेष आपूर्ति देश के लिए अच्छी है, लेकिन इससे किसान मुश्किल में हैं क्योंकि उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। हर साल ‘एमएसपी’ के लिए सरकार किसानों को कम से कम एक लाख पचास हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मुआवजा देती है। क्योंकि बाजार मूल्य ‘एमएसपी’ से कम होती है। उन्होंने कहा, भारतीय कृषि में प्रति एकड़ गन्ना उत्पादन में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विशेषकर पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली और कर्नाटक के बेलगाव जिले में गन्ना उत्पादन में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में कृषि वस्तु की कीमत उत्पादन और मांग पर निर्भर करती है, और किसानों को यह समझने की जरूरत है कि शॉटेज क्या है ? और अधिशेष क्या है ?।
हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन…
इस वर्ष हमें चीनी उत्पादन की कमी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन यह कोई स्थायी नीति नहीं है। दीर्घावधि में चीनी उद्योग को वैकल्पिक जैव ईंधन की ओर विविधता लाने की आवश्यकता है। भारत 85 प्रतिशत ईंधन हम आयात करता हैं, और जीवाश्म ईंधन के कारण हम प्रदूषण की समस्या का सामना कर रहे हैं। यही समय है, जब हमें इसका विकल्प ढूंढने की जरूरत है। 2004 से मैं लगातार भारत में जैव ईंधन का प्रचार कर रहा हूं और वर्तमान में परिवहन मंत्री के नाते मैं वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन के लिए जिम्मेदार हूं। आज भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे पास जैव ईंधन के लिए वैश्विक विकल्प है। हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। सरकार देश में फ्लेक्स इंजन वाली कार शुरू करना चाहती है। इस अवसर पर ‘वीएसआई’ के अध्यक्ष शरद पवार, जयप्रकाश दाडेगावकर, पी. आर. पाटील, विधायक जयंत पाटील, विधायक प्रकाश आवाडे आदि मौजूद थे।
उन्होंने कहा की एथेनॉल के साथ, हमें फ्लेक्स इंजन वाहनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और साथ ही, जहां तक एथेनॉल का सवाल है, सरकार उचित कदम उठाएगी… मुझे पता है कि आप किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन यह एक अस्थायी बात है। अप्रैल के बाद, हम एक रास्ता खोज लेंगे। मुझे विश्वास है, मैं पहले ही इस पर चर्चा कर चुका हूं प्रधान मंत्री और अन्य मंत्रियों के साथ, इसलिए चिंता न करें।