गन्ना बकाया भुगतान: मिलों को चीनी आयुक्तालय ने भेजा नोटिस

सोलापुर: अग्रोवन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी आयुक्तालय ने एफआरपी बकाया भुगतान मामले में राज्य की 86 मिलों को नोटिस जारी किया है। इसमें सोलापुर जिले की 15 चीनी मिलें शामिल है, और जिले की इन मिलों पर 15 जुलाई तक 225 करोड़ रुपये का एफआरपी बकाया है।

इस संबंध में तीन चरणों में चीनी मिलों का पक्ष सुना जाएगा। इसके बाद अगर तुरंत एफआरपी नहीं दी गई तो उन चीनी मिलों के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई होने की संभावना है। पिछले सीजन में, परिवहन लागत सहित गन्ने की कटाई का एफआरपी 35,524 करोड़ रुपये था। जिसमें से 34 हजार 707 करोड़ रुपये किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके है।

125 मिलों ने एफआरपी का 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया है। हालाँकि, शेष 86 मिलों पर अभी भी 817 करोड़ रुपये का एफआरपी बकाया है। चीनी आयुक्तालय इस राशि को किसानों तक पहुंचाने के लिए फॉलोअप कर रहा है। उसी के तहत, चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने उन मिलों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने शत प्रतिशत एफआरपी का भुगतान नहीं किया है।

कुछ मिलें कह रही हैं कि गन्ना किसानों और चीनी मिलों के बीच एफआरपी भुगतान को लेकर समझौता हो गया है। सुनवाई के दौरान उनके द्वारा दिए गए लिखित बयान में अनुबंध का विवरण, तय चरण के अनुसार भुगतान की गई एफआरपी की राशि चीनी आयुक्तालय से ली जाएगी। चीनी निदेशक (वित्त) यशवंत गिरि ने कहा कि, भुगतान में आनाकानी करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई की जायेगी।

आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने अग्रोवन से बात करते हुए कहा की, चीनी मिलों से उम्मीद की गई थी कि वे सीजन के अंत में गन्ना उत्पादकों को एफआरपी राशि का भुगतान करेंगे। 86 मिलों पर अभी भी 817 करोड़ रुपये का एफआरपी बकाया है। सुनवाई में उनकी दलील सुनने के बाद यदि समय पर राशि का भुगतान नहीं किया गया तो जब्ती आदेश जारी किये जायेंगे।

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