पुणे : दौंड तालुका में स्थित भीमा सहकारी चीनी मिल को निरानी समूह के साईप्रिया चीनी मिल द्वारा लीज पर चलाया जा रहा है। राज्य के चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने साईप्रिया चीनी मिल को 2022-23 में पेराई किए गन्ने की बकाया राशि 15 प्रतिशत ब्याज के साथ किसानों के खाते में जमा कराने का आदेश दिया है।
गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 की धारा 3(3) के प्रावधानों के अनुसार, गन्ना पेराई को भेजने के बाद 14 दिनों के भीतर किसानों को एफआरपी के अनुसार गन्ना मूल्य भुगतान करना अनिवार्य होता है। यदि एफआरपी का भुगतान निर्धारित अवधि के भीतर नहीं किया जाता है, तो धारा 3(3) के तहत मिलों को डिफ़ॉल्ट घोषित किया जाता है, और बकाया राशि का 15% ब्याज समेत भुगतान करने का प्रावधान है। साईप्रिया चीनी मिल पर भी इसी प्रावधान के तहत कार्रवाई की गई है, क्योंकि मिल ने गन्ना किसानों को 2022-23 सीजन का 5.78 करोड़ बकाया एफआरपी का भुगतान नहीं किया है।
चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने मिल को जब्ती नोटिस जारी किया और गन्ना किसानों को एफआरपी की बकाया राशि 15 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने के निर्देश दिए है।सांख्यिकी शाखा की पाक्षिक रिपोर्ट के अनुसार मिल ने अब तक रु. 5.78 करोड़ एफआरपी राशि का भुगतान नहीं किया है।आरआरसी आदेश जारी करने से पहले मिल को अपना पक्ष रखने का अवसर देने के बावजूद एफआरपी राशि को बकाया रखकर चीनी मिल ने गन्ना (नियंत्रण) अधिनियम, 1966 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।