सुगर एक्सपो 2019 में होगा गन्ने के अवशेष के मूल्य संवर्धन और अन्य लाभकारी विकल्पों पर विचार

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कोयम्बटूर, 22 मई: आगामी 29 और 30 मई को कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में आयोजित होने जा रहे सुगर एक्सपो 2019 में देश विदेश से भाग लेने 250 से भी अधिक डेलीगेट्स आ रहे है। इस एक्सपो के बारे मीडिया ये बात करते हुए आईसीएआर के गन्ना प्रजनन केन्द्र कोयम्बटूर के निदेशक डॉ बक्शीराम ने कहा कि यह एक्सपो कई मायनों में ख़ास है। इस एक्सपो में बतौर वक्ता के तौर पर विशेष रूप से आमंत्रित डॉ बक्सीराम ने कहा कि एक्सपो में श्रीलंका, ब्राज़ील, केन्या सहित कई देशों से आने वाले विशेषज्ञ अपना प्रेजेंटेशन देंगे और बताएँगे कि गन्ने का कैसे डाइवर्सिफिकेशन कर किसानों और इंडस्ट्री को अधिक से लाभ दिला सकते है।

डॉ बक्सीराम ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे राज्यों में गन्ना की बम्पर पैदावार हो रही है। साथ ही चीनी की भी रिकवरी बढ गयी है। इसलिए वैज्ञानिक गन्ने से चीनी तैयार करने के अलावा अन्य विकल्पों पर कैसे काम किया जाए और गन्ने के बाइ-प्रोडक्ट का उपयोग कैसे किया जाए, इन सभी विषयों पर इस एक्सपो में शोध प्रस्तुत करने के अलावा चिन्तन मनन करेंगे।

डॉ बक्सीराम ने कहा कि किसानों की आमदनी दो गुना करने पर सरकार गंभीर है इसी के तहत गन्ने से एथनॉल बनाने की नीति बनायी गयी है जो काफ़ी अच्छी पहल है लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ विषय है जिनको ध्यान मे रख के गन्ने के वेस्टेज को हम उपयोगी बना सकते है इनही बिन्दुओं पर वैज्ञानिकों का ध्यान है। चीनी के बढ़ते उत्पादन से मद्येनजर इसका डाइवर्सिफिकेशन दूसरी तरफ़ करने के विकल्पों पर भी एक्सपो में गहन चर्चा होगी। गन्ने से मूल्य संवर्धन के लिए इससे बिजली बनाने, ऐथनॉल बनाने, गन्ना विकास के लिए नई कृषि तकनीक के उपयोग और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बेहतर प्रतिस्पर्धा प्रबंधन करने के साथ जैवविविधता और पर्यावरण संक्षण जैसे मुद्दों पर भी विशेषज्ञ अपने विचार रखेगें।

इस एक्सपो में विदेशी विशेषज्ञों में ऑस्ट्रेलिया से रोज़ ब्रॉडफूट, सउदी अरब से अहमद वावदा और श्रीलंका से एपी कीर्तिपाला के भाग लेने की संभावना है वहीं भारत से डॉ बक्सीराम, डॉ एमएस सुन्दरम, प्रोफ़ेसर नरेन्द्र मोहन, डॉ सीएसजी राव और एस के भोजराज को आमंत्रित किया गया है।

एक्सपो का आयोजन नॉर्थ इंडियन सुगरकेन एंड सुगर टैक्नॉलोजिस्ट एसोसियेशन और राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर द्वारा किया जा रहा है। इसमें गन्ना अनुसंधान संथान, कृषि विश्वविद्यालय, शोधार्थी, प्रगतिशील किसान, शिक्षक और सुगर इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी तक़रीबन 25 से अधिक कम्पनियाँ भी भाग ले रही है। इसमें छात्रों के लिए 500 रुपये, भारतीय चीनी उद्योग के लिए 8000-10,000, विदेशी सुगर उद्यमियों के लिए 250-500 यूएस डॉलर, NISSTA सदस्यों के लिए 2500-3000 रुपये, वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1000,1500 रुपये, शिक्षण और अनुसंधान संस्थानों के लिए 10,000-15,000 रुपये और अन्य के लिए 3,000 रुपये ये 43,000 रुपये पंजीकरण शुक्ल रखा गया है।

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