नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुगर सीजन 2020-21 के दौरान चीनी का निर्यात सुगम बनाने और इस प्रकार चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार करके उन्हें शुगर सीजन 2020-21 के लिए किसानों को देय मूल्य चुकाने में सक्षम बनाने के लिए 29 दिसंबर 2020 को सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना अधिसूचित की थी। अधिसूचना के मुताबिक सहायता के उद्देश्य से चीनी मिलों को विपणन लागत पर खर्च के लिए, जिसमें हैंडलिंग, अपग्रेडिंग और अन्य प्रसंस्करण लागत और अंतरराष्ट्रीय और आंतरिक परिवहन की लागत और चीनी के निर्यात पर माल ढुलाई शुल्क शामिल है, जो कि 6000/MT टन थी। अब इसमे फेरबदल किया गया है।
20 मई 2021 को जारी अधिसूचना के मुताबिक, अब सहायता राशि को घटा दिया गया है, जो की लगभग 4000/MT है और यह आज से लागू होगा।
चीनीमंडी न्यूज के साथ बातचीत में, श्री सुबोध कुमार सिंह – संयुक्त सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, ने कहा, “यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय चीनी कीमतों और मौजूदा बाजार परिदृश्य को देखते हुए लिया गया है जो चीनी निर्यात के लिए व्यवहार्य है।
GOI reduces assistance for exports of sugar to ₹4000/MT from ₹6000/MT under MAEQ for sugar season 2020-21@fooddeptgoi
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— ChiniMandi (@ChiniMandi) May 20, 2021
यह सहायता केवल तभी प्रदान की जाएगी जब इस अधिसूचना की तारीख (20-05-2021) को या उसके बाद चीनी मिल (मिलों) और निर्यातक (निर्यातकों) के बीच अनुबंध/समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हों।
शुगर सीजन 2020-21 के लिए चीनी के निर्यात पर होने वाले खर्च के लिए केंद्र सरकार निम्नलिखित तरीके से एकमुश्त सहायता प्रदान करेगी:
(क) लदान, उतरान और फोविंग आदि आतंरिक परिवहन और माल भाड़ा प्रभारों के लिए 2400 रुपए प्रति टन की दर से
(ख) भारीतय पतन से गंतव्य देशों के पतानों आदि तक शिपमेंट के प्रति समुद्री माल भाड़े हेतु 1600 रुपए प्रति टन की दर से