नई दिल्ली : नई निर्यात नीति और 2022-23 विपणन वर्ष के लिए कोटा के बारे में पूछे जाने पर खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि, केंद्र सरकार अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले विपणन वर्ष के लिए चीनी के निर्यात कोटे की बहुत जल्द घोषणा करेगी। उन्होंने चीनी निर्यात की मात्रा का खुलासा नहीं किया, जिसे 2022-23 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) और डेटाग्रो द्वारा आयोजित एक चीनी और इथेनॉल सम्मेलन के मौके पर पांडे बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, मई में, सरकार ने 10 मिलियन टन से अधिक चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन बाद में 2021-22 के विपणन वर्ष के लिए कुल 11.2 मिलियन टन को लेकर 12 लाख टन शिपमेंट की अनुमति दी।भारत का चीनी निर्यात 2020-21 के विपणन वर्ष में 7 मिलियन टन, 2019-20 में 5.9 मिलियन टन और 2018-19 में 3.8 मिलियन टन रहा।’इस्मा’ के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा कि, 2022-23 के लिए चीनी के डायवर्जन के बाद चीनी का उत्पादन 35.5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि घरेलू मांग 27.5 मिलियन टन है।उन्होंने कहा, हम विपणन वर्ष 2022-23 में 80 लाख टन चीनी का निर्यात कर सकते हैं। हमने सरकार से जल्द से जल्द निर्यात कोटा और समग्र नीति की घोषणा करने का आग्रह किया है।झुनझुनवाला ने कहा कि, भारत के लिए निर्यात विंडो मार्च तक ही है, जिसके बाद ब्राजील की चीनी वैश्विक बाजार में आ जाएगी।इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अध्यक्ष झुनझुनवाला ने इस संबंध में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था।
‘इस्मा’ ने कहा कि, प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, शुद्ध चीनी उत्पादन, एथेनॉल के उत्पादन के लिए चीनी के डायवर्जन पर विचार किए बिना, 2022-23 में मौजूदा विपणन वर्ष में 39.4 मिलियन टन से बढ़कर लगभग 40 मिलियन टन होने की उम्मीद है।हालांकि, 2022-23 विपणन वर्ष में 4.5 मिलियन टन चीनी एथेनॉल के लिए डायवर्ट होने की उम्मीद है, जबकि मौजूदा विपणन वर्ष में 35 लाख टन चीनी डायवर्ट हो सकती है।’इस्मा’ के अनुसार, अधिशेष चीनी के निर्यात से घरेलू चीनी की कीमतों को बनाए रखने में मदद मिलेगी, जिससे मिलों की तरलता की स्थिति को बढ़ावा मिलेगा, जिससे वे गन्ना किसानों को समय पर भुगतान कर सकेंगे।