तालिबान के कब्जा करने के बाद भारत द्वारा अफगानिस्तान को चीनी निर्यात प्रभावित

नई दिल्ली: तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपनी सत्ता लाने के बाद, देश में भारत के जरिये किये जा रहे चीनी निर्यात पर असर पडा है। तालिबान राज के बाद अफगानिस्तान में भारत का चीनी निर्यात लगभग रुक गया है। तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ताधारी सरकार को बेदखल कर दिया और पिछले महीने काबुल पर कब्जा करने के बाद देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। भारत द्वारा अफगानिस्तान को सालाना लगभग 6,00,000-7,00,000 टन चीनी का निर्यात किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार, इस महीने समाप्त होने वाले मौजूदा 2020-21 सत्र में अब तक लगभग 6,50,000 टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा, अफगानिस्तान को हमारा चीनी निर्यात वहां की मौजूदा स्थिति के कारण प्रभावित हुआ है, और कुछ ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा की, अफगानिस्तान को चीनी का निर्यात अगले सीजन में फिर से शुरू हो जाना चाहिए, जब नई व्यवस्था के तहत सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

आपको बता दे, लिबान ने पहली बार संकेत दिया है कि वह भारत अफगानिस्तान संबंध बरकरार रखना चाहता है। कतर में तालिबान का नेतृत्व करनेवाले एक सदस्य ने कहा है कि, भारत इस उपमहाद्वीप के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा है कि, तालिबान भारत के साथ पहले की तरह ही अफगानिस्तान के ‘सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और व्यापारिक संबंध’ को जारी रखना चाहता है। तालिबान की तरफ़ से यह संकेत काफ़ी अहम है।

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