काठमांडू : चीनी मिलों के भुगतान में देरी का हवाला देते हुए किसान गन्ने की फसल से दूर चले गये है, जिसके कारण पिछले तीन वर्षों में गन्ने का उत्पादन लगभग आधा हो गया है। कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय (MoAD) के अनुसार, 2020-21 में गन्ने का उत्पादन 1.19 मिलियन टन हुआ, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 2.08 मिलियन टन से लगभग आधा हुआ। गन्ने के उत्पादन में भारी गिरावट के मुख्य में उन्नत संकर बीजों की कमी, कम उत्पादकता और भुगतान में देरी प्रमुख कारण है। गन्ना उत्पादन में भारी गिरावट के कारण, कुछ साल पहले दो दर्जन से अधिक मिलों में से देश भर में सिर्फ नौ चीनी मिलें चल रही हैं। घरेलू उत्पादन में गिरावट के साथ, चीनी आयात भी साल दर साल बढ़ रहा है। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, नेपाल ने 2019-20 में 4.27 अरब रुपये की चीनी का आयात किया, जो पिछले साल 3.12 अरब रुपये था।
इस बीच, गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा अभी तक 75.90 मिलियन रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि, श्रीराम चीनी मिल और अन्नपूर्णा चीनी मिल 31.30 मिलियन रुपये, इंदिरा चीनी मिल 10.60 मिलियन रुपये, हिमालयन चीनी मिल 2.41 मिलियन रुपये और लुंबिनी चीनी मिल पर किसानों का 420,000 रुपये बकाया है।