नेपाल में चीनी आयात में हुई वृद्धि

काठमांडू : नेपालगंज में नेपाल-भारत सीमा के माध्यम से हाल के वर्षों में घट रहे चीनी, चावल, दाल और सूती कपड़े के आयात में फिर से वृद्धि होने लगी है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों में नेपालगंज सीमा के माध्यम से चीनी, चावल, दाल और सूती कपड़े के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नेपालगंज सीमा शुल्क कार्यालय के अनुसार, चीनी आयात, जिसमें पिछले वर्ष सबसे अधिक गिरावट आई थी, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 16 गुना बढ़ गया है।

कार्यालय ने बताया कि, पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के दौरान चीनी आयात 8.473 मिलियन रुपये था, जबकि इस वर्ष यह 16 गुना अधिक 141.292 मिलियन रुपये पर पहुंच गया। चीनी आयात से राजस्व संग्रह, जो 2023-24 की इसी अवधि के दौरान 141.292 मिलियन रुपये था। पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 3.989 मिलियन रुपये का आयात हुआ था, जो इस वर्ष इसी अवधि में बढ़कर 62.376 मिलियन रुपये हो गया। चीनी आयात से राजस्व में 58.387 मिलियन रुपये की वृद्धि हुई।

इसी तरह चावल के आयात में भी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में जहां 226 मिलियन रुपये का चावल आयात किया गया था, वहीं इस वर्ष इसी अवधि में यह 2.92 बिलियन रुपये तक पहुंच गया। चावल आयात से राजस्व में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 259 मिलियन रुपये से बढ़कर इस वित्त वर्ष की इसी अवधि में 338 मिलियन रुपये हो गया। नेपालगंज सीमा शुल्क कार्यालय ने दाल के आयात में भी उल्लेखनीय वृद्धि की सूचना दी। पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 715 मिलियन रुपये की दाल का आयात किया गया था, जो इस वित्त वर्ष की इसी अवधि में बढ़कर 821 मिलियन रुपये हो गया।

कार्यालय के अनुसार, सूती कपड़े के आयात में भी वृद्धि देखी गई है। नेपालगंज सीमा के ज़रिए आयात में वृद्धि देखी गई चीनी, चावल, दाल और सूती कपड़े सबसे ज़्यादा तस्करी की जाने वाली वस्तुओं में से हैं। नेपालगंज चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में तस्करी और अवैध आयात के ख़िलाफ़ सख़्त उपायों के कारण वैध आयात में वृद्धि हुई है। चैंबर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चिरंजीवी ओली ने कहा कि, अवैध आयात में वृद्धि से आम तौर पर वैध आयात में कमी आती है। उन्होंने कहा कि, वैध आयात में वृद्धि अवैध व्यापार में कमी को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, ओली ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बढ़ती मांग और खपत ने भी आयात में वृद्धि में योगदान दिया है।

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