थाईलैंड: थाईलैंड सोसायटी ऑफ शुगरकेन टेक्नोलॉजिस्ट के प्रेसिडेंट ने हाल ही में तीन कृषि-रसायनों पर लगे प्रतिबंध की आलोचना की। इन रसायनों को आमतौर पर इंडस्ट्री में उपयोग किए जाते हैं। द नेशन की एक रिपोर्ट में डॉ. किटी चुनहॉन्ग ने कहा की पैराक्वाट, क्लोरपाइरीफोस और ग्लिफ़ोसैट जैसे रसायनों पर प्रतिबंध लगाने से बिजनेस प्रभावित होगा।
डॉ. किटी ने कहा कि पैराक्वाट उपयोग न करने से उत्पादन 20 से 50% कम होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के कारण कच्ची चीनी का उत्पादन कम होगा और एक साल में लगभग 47 बिलियन भात का नुकसान होगा।
इथेनॉल इंडस्ट्री भी प्रभावित होगा। इसे 840 मिलियन लीटर इथेनाल और 18 बिलियन भात का नुकसान होगा। सरकार को चाहिए कि वह गन्ना किसानों को उत्पादन के कारकों का समर्थन करे और अविलंब मदद करे ताकि खरपतवार नाशक, उर्वरक और फसल काटने की मशीन का उपयोग करके उत्पादन को बढ़ाया जा सके। इसलिए हम सरकार से अपील करते हैं कि वह पैराक्वाट पर प्रतिबंध लगाने के अपने इरादे पर पुनर्विचार करे।
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