पुणे: चीनी मंडी
महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के कुलपति के.एस. विश्वनाथ ने डेक्कन शुगर टेक्नॉलॉजिस्ट असोसिएशन के 65 वें सम्मेलन में बोलते हुए कहा की, राज्य में गन्ना उद्योग जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित हुआ है। 1950 के दशक के बाद से गन्ने की खेती का क्षेत्र 10 गुना बढ़ गया, लेकिन वहां जलवायु कारकों के कारण उत्पादन में वृद्धि नहीं आ सकी।
विश्वनाथ ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, महाराष्ट्र में मौजूदा दशक की शुरुआत से लेकर लगभग 2015 तक और बाद में फिर से 2018 में भी सूखे की स्थिति बनी रही, जिससे फसल प्रभावित हुई और उत्पादन में भी गिरावट देखी गई। चीनी उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का एक प्रमुख स्रोत हैं। बड़े पैमाने पर रोजगार देने में देश में कपास उद्योग के बाद चीनी उद्योग दूसरे पायदान पे है, लेकिन चीनी उद्योग को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एसोसिएशन ने गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कार दिए।
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