शाहबाद: प्रशासन के आदेश के बावजूद राणा शुगर मिल किसानों के 16 करोड़ रुपए गन्ना के बकाये का भुगतान नहीं कर रही है। और किसान आरोप लगा रहे है की इसके कारण उनके जरूरी काम रुके हैं। खबरों के अनुसार राणा चीनी मिल सत्र के प्रारंभ होने पर किसानों को आश्वासन देकर गन्ना लेती है और किसानों को उसका भुगतान के लिए इधर-उधर चक्कर लगाने पड़ते हैं।
किसान आरोप लगाते है की, राणा चीनी मिल हर बार गन्ना अधिनियम के तहत किसानों को भुगतान नहीं करती है और किसान संगठनों को हर साल मिल व अधिकारियों के सामने धरना प्रदर्शन करना पड़ता है। एक तरफ सरकार ने किसानों के भुगतान को लेकर कड़े कदम उठाने की बात कही है लेकिन, राणा मिल पर इसका कोई असर नहीं है।
भारतीय किसान युनियन (भाकियू) के जिलाध्यक्ष परशुराम शर्मा ने कहा कि सरकार की गलत कृषि नीति के कारण आज किसान को गन्ने का भुगतान नहीं हो पा रहा है। गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना अधिनियम के तहत 14 दिन के अंदर होना चाहिए। वहीं समय पर भुगतान न देने पर 15 प्रतिशत का ब्याज समेत भुगतान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चीनी मिल से जल्द भुगतान के लिए भाकियू जल्द ही शुगर मिल के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की रणनीति तैयार करेगी। सहकारी गन्ना समिति के सचिव मतिराजराम ने कहा कि मिल पर किसानों का सोलह करोड़ बकाया है। कई नोटिस जारी किए, लेकिन मिल ने भुगतान नहीं किया है। किसान मोहर सिंह ने कहा कि प्रशासन की कमी के चलते मिल का किसानों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है। मिल पर सख्ती कर भुगतान कराया जाए। उसे अपना परिवार चलाना भारी पड़ रहा है। एक अन्य किसान हरवीर सिंह ने कहा कि त्योहारों का मौसम है। मिल ने भुगतान नहीं किया है। ऐसे में हमें परिवार चलाने में काफी दिक्कत आ रही है।
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