चीनी मिल बार-बार बंद होने से बढ़ी गन्ना किसानों की मुसीबत

फ़रीदाबाद, पलवल: जिले की एकमात्र सहकारी चीनी मिल की बार-बार ख़राब हो रही मशीनों ने इस इलाक़े के हज़ारों गन्ना किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। इस बार पेराई का सीज़न शुरू होने के पांच दिन के अंदर ही मिल की मशीन दो बार बंद हो चुकी है, जिसके कारण मिल को बंद कर दिया गया। दो दिन से बंद पड़ी मिल के कारण आसपास के सैकड़ों गांवों के किसानों को नुकसान हो रहा है।

बॉयलर में बार-बार खराबी आने के कारण पेराई का काम मात्र कुछ घंटे ही हो पाया है। किसानों का कहना है कि मिल में पेराई शुरू होने के मद्देनज़र उन्होंने अपने खेतों में गन्ने की कटाई करनी शुरू कर दी, लेकिन अब मिल के फिर से बंद हो जाने के कारण उनका गन्ना सूखने लगा है जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

बता दें कि इस सहकारी चीनी मिल में जिले के करीब 400 गांवों के 44 हज़ार किसान शेयरधारक हैं, जिनमें से लगभग तीन हज़ार किसान हर साल पेराई सीज़न में 35 से 40 लाख क्विंटल गन्ना चीनी मिल को सप्लाई करते हैं। पेराई सीज़न में गन्ना मिल में देने के बाद इन किसानों को अपने खेतों में गेहूं आदि रबी की फसलें बोने का काम पूरा करना होता है। मशीनों में बार-बार खराबी और मिल को बंद किये जाने से किसान खेत में खड़े गन्ने की फसल को नहीं काट पा रहा है तथा रबी फसलों की बोआई में भी देरी हो रही है। दूसरी तरफ़, जिन किसानों ने गन्ने की कटाई कर ली है उनके गन्ने सूखने लगे हैं। गन्ना किसान एवं चीनी मिल के पूर्व निदेशक सुखराम डागर का कहना है कि गन्ना एक बार खेत से काटने के बाद रखा-रखा सूखने लगता है तथा उसमें से मिल में पिराई के दौरान चीनी की रिकवरी घट जाती है। इससे मिल को काफी नुकसान होता है। वहीं मिल के तीन दिन से बंद होने के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

इस बीच, चीनी मिल के चेयरमैन एवं डीसी यशपाल यादव ने मंगलवार को किसानों की समस्या को लेकर मिल का दौरा किया और मिल चालू होने में आ रही दिक्कतों के बारे में अधिकारियों से बात की। मिल के प्रबंधक निदेशक जितेंद्र गर्ग ने कहा कि तकनीकी ख़ामिय़ों के कारण मिल को बंद किया गया है और उन ख़ामिय़ों को दूर करने के लिए कई एक्सपर्ट्स को बुलाकर काम पर लगाया गया है।

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