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कुरुक्षेत्र : चीनी मंडी
करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर के पांच हजार से अधिक गन्ना उत्पादक किसान मुसीबत में फंस गये है। हरियाणा सरकार के प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने भादसों शुगर मिल को बंद कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से गन्ना उत्पादक किसानों में हड़कंप मचा हुआ है। किसानों का 12 लाख क्विंटल से अधिक गन्ना खेतों में खड़ा है। मिल पर किसानों का लगभग 70 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इस मिल से लगभग पांच हजार से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। मिल की गलती का नतीजा किसानों को भुगतना पड़ सकता है।
सरकार ने किसानों को केवल तीन दिन की मोहलत दी है। इसके बाद मिल को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। इससे किसानों की मुसीबत बढने के आसार साफ़ साफ़ नजर आ रहे है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने इस स्थिति में किसानों की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। इसी के चलते भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने करनाल में डीसी विनय प्रताप सिंह से मुलाकात की।
डीसी ने कहा कि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मिल प्रबंधन को कई बार नोटिस भेज कर प्रदूषण को बंद करने के निर्देश दिए लेकिन प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया। सरकार को मजबूरी में मिल को सील करना पड़ा। डीसी विनय प्रताप सिंह ने आश्वासन दिया कि किसानों के हितों को ध्यान में रख कर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। इस अवसर पर भाकियू के कार्यकर्ता, गन्ना संघर्ष समिति के सदस्य भी मौजूद थे।
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