बिजुआ, लखीमपुर खीरी, 23 जुलाई: उत्तर प्रदेश सरकार सूबे के गन्ना किसानों को सस्ती दर पर खाद और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करा रही है, वहीं सूबे की चीनी मिलें भी गन्ना किसानों की फ़सल अच्छी हो और उत्पादन बढ़े, इसके लिए सहयोग कर रही है। गन्ने की फ़सल में अक्सर कीट पतंगाे का प्रकोप हो जाता है तो किसान परेशान हो जाते है। किसानों की इस समस्या को देखते हुए लखीमपुर खीरी के बिजुआ स्थित गुलारिया चीनी मिल के प्रबंधन ने कृषि विशेषज्ञों की मदद से किसानों के खेतों मे जाकर गन्ने की फसल में कीटों के प्रकोप को रोकने के उपाय बताये जा रहे है साथ ही किसानों को कीटनाशक के स्प्रे की सलाह भी दी जा रही है। यही नहीं चीनी मिल द्वारा किसानों को स्प्रे करने के लिए कीटनाशक भी उपलब्ध कराया गया है। चीनी मिल प्रबंधन बीते दो महिने से इस संबंध में कृषि विशेषज्ञों से किसानों का संवाद भी कराया है। सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ ओंकार सिंह ने बताया कि चीनी मिल प्रबंधन ने हमें गन्ने में कीटों के प्रकोप की समस्या से अवगत कराया तो हम बिजुआ आए है और गन्ने की फ़सल में कीटनाशकों का स्प्रे करने की सलाह दे रहे है। डॉ ओंकार सिंह ने कहा कि चीनी मिल प्रबंधन के आग्रह पर इससे पूर्व भी हम दो बार आ चुके है।
डॉ. सिंह ने किसानों को गन्ने के खेतों में कांफीडोर 100 मिली, एक किग्रा जिंक सल्फेट, 250 ग्राम बोरोन, पांच किग्रा यूरिया का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने की फसल पर स्प्रे करने का सलाह दी है। इस घोल का एक एकड़ खेत में किसान भाइयों ने स्प्रे किया और गन्ने की फ़सल पर कीटों के प्रकोप में काफ़ी कमी आई है। कृषि वैज्ञानिक डॉ सिंह ने बताया कि अगर गन्ने की फ़सल मे बॉरोन की कमी आ जाती है तो गन्ने की बढवार पर असर पड़ता है। साथ ही पत्तियों पर भी नकारात्मक असर होता है एवं पत्तियाँ पीली पड़ जाती है। इसी प्रकार जिंक सल्फेट की कमी से पत्तियाँ हल्की पीली धारियों मे बदल जाती है। जो गन्ने की फ़सल के लिए नुक़सानदायक है। गुलरिया चीनी मिल के महाप्रबंधक सुरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि गर्मी के दिनों में गन्ने की फ़सल में ब्लैक बग तथा मिलीबग का प्रकोप ज्यादा होता है। ये कीट पौधों की पत्तियों से रस चूस लेते है और फ़सल पीली हो जाती है और गन्ने की फ़सल को भारी नुक़सान होता है। इन कीटों की रोकथाम के लिए किसान भाई गन्ना की फसल में कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार छिड़काव करें इससे कीट नियंत्रण के साथ पौधों की बढ़वार अधिक होगी, पौधों का मोटाई में इज़ाफ़ा होगा और गन्ने का उत्पादन भी बढ़ेगा। बिजुआ के गन्ना किसान रमतीराम ने कहा कि चीनी मिल के अधिकारी आये थे उन्होने गन्ने की फ़सल पर कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए कीटनाशक दवा उपलब्ध कराई थी। शुरु मे तो कीट के हमले से फ़सल को काफ़ी नुक़सान हुआ पत्तियाँ पीली पड़ रही थी लेकिन स्प्रे करने के बाद तीन दिन में ही सब ठीक हो गया, अभी फ़सल ठीक है। गुलारिया चीनी मिल के अधिकारियों का धन्यवाद जिनकी वजह से हमारी गन्ने की फ़सल बर्बाद होने से बच गयी।
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