कुशीनगर: योगी सरकार गन्ना बकाया को लेकर काफी सख्त है और साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चीनी मिल मालिकों को गन्ना किसानों के सारा बकाया 31 अक्टूबर, 2019 तक भुगतान करने को कहा है। इसका पालन न करने वाले चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लगता है सरकार की सख्ती का असर हो रहा है, क्यूंकि चीनी मिल अब गन्ना भुगतान कर रही है।
त्रिवेणी चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक अनिल कुमार त्यागी ने यहां कहा कि पेराई सत्र 2018-19 का किसानों के गन्ने का संपूर्ण मूल्य उनके बैंक खातों में जमा करा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने अपने बैंक खाते का ब्यौरा मिल को जमा नहीं कराया है, वे जल्द से जल्द जमा करा दें। उनका भुगतान भेजने में हमें आसानी होगी। श्री त्यागी ने कहा कि किसानों का हित चीनी मिल के लिए सर्वोपरि है। श्री त्यागी पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कारखाना प्रबंधक मानवेंद्र राय, जीएम केन दिनेश राय आदि मौजूद रहे। हाटा कार्यालय के अनुसार अवध सुगर एंड एनर्जी लिमिटेड, न्यू इंडिया सुगर मिल्स ढाढा बुजुर्ग हाटा के अध्यासी करन सिंह ने कहा कि पेराई सत्र 2018-19 में क्रय किए गए गन्ने के कुल देय गन्ना मूल्य 38282.78 लाख रुपये का समस्त भुगतान किसानों को कर दिया गया है।
हालही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दो किसानों की याचिका पर गन्ना किसानों के बकाया चुकाने का निर्देश दिया था। इस याचिका में किसानों ने कहा है कि उन्होंने बैंकों से ऋण लेकर गन्ने की फसल उगाई थी, लेकिन आज वे इसे चुकाने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके बकाये का भुगतान अभी तक चीनी मिलों से नहीं हुआ है।
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बजाज ग्रुप को खुली छूट दे रखी है।बजाज गागनौली सहारनपुर ने केवल 46% भुगतान किया है।बजाज ग्रुप खुलेआम किसानों का आर्थिक शोषण कर रहा है और कोई ये भी नहीं बता पा रहा कि हमारा पैसा हमें कब वापस मिलेगा