चीनी मिल दे रही है ग्रामीण युवाओं को रोज़गार, प्रशि़क्षण लेकर युवा बनेंगे हुनरमंद

नरसिंहपुर,7 अगस्त, मध्य प्रदेश सरकार सूबे के कृषि उद्योगों को कारोबार के अनुकूल माहौल देने के लिए सहयोग का वादा करते हुए ग्रामीण स्तर पर निजी उद्योगों की भागीदारी से रोज़गार के विकल्प पैदा कर रही है। सरकार के निर्देशों के क्रम में प्रदेश की कई सुगर मिलें अपने यहाँ ग्रामीण युवाओं को जॉब में तरजीह दे रही है। नरसिंहपुर के बछाई गाँव में स्थित महाकौशल सुगर इंडस्ट्रीज़ ने इसकी शुरुआत करते हुए नरसिंहपुर और आसपास के जिलों के युवाओं के लिए रोजागार मेले का आयोजन किया किया है।

इस मेले में गाँवों के पढ़े लिखे बेरोज़गार युवाओं को आमंत्रित किया गया। सुगर मिल ने पात्रता मापदंडों में गन्ने की खेती करने वाले युवाओं को विशेष तरजीह दी। चीनी मिल की इस पहल से प्रेरित होकर कई युवाओं ने मिल में आकर रोज़गार मेले में जॉब के लिए आवेदन दिया । महाकौशल शुगर मिल के लाइजन ऑफीसर इस्लाउद्दीन रिज़वी ने कहा कि हमारा मक़सद स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करना है । ग्रामीण युवाओं के पास टैलेंट की कमी नहीं है लेकिन उनको अवसर नहीं मिलता ।इसलिये हम ऐसे युवाओं को आगे लाना चाहते है जो जीवन में कुछ करने का जज़्बा लिए हुए है। रिज़वी ने कहा कि यहाँ कई ऐसे युवा आए है जिन्होंने कोई तकनीक शिक्षा नहीं ली लेकिन उनको चीज़ों को समझने का सैंस ग़ज़ब का है। हम ऐसे युवाओं को आगे लाने का काम करेंगे। महाकौशल सुगर इंडस्ट्रीज़ का मक़सद पैसा कमाना ही नहीं है जिन किसानों की हमने ज़मीन ली है उनके बच्चों को रोज़गार देकर उनको भी विकास की राह में भागीदार बनाना है।

रिज़वी ने कहा कि हम इन युवाओं में से चयनित युवाओं को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाएँगे और फ़िर शुरु में इनको किसी के साथ लगाएंगे छ: माह बाद इनको स्वतंत्र रूप से ज़िम्मेदारी दी जाएगी। अभी ये हमारा प्रथम प्रयास है। बाद में दूसरी चीनी मिलों को साथ लेकर भी इस तरह के मेले का आयोजन किया जाएगा। रिज़वी ने कहा कि बाहर से कामगार लाने से अच्छा है यहीं के किसानों से बच्चों को रोज़गार दिया जाए । यहाँ के युवा मन लगाकर काम करेंगे तो कम्पनी की कार्य दक्षता व उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी। रिज़वी ने कहा कि इन बच्चों में कृषि स्नातक पास जो लड़के आये है उनका हमने चयन किया है।

चीनी मिल में रोज़गार मेले में भाग लेने आए कृषि स्नातक मनोहर सिंह ने कहा कि मैंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से बीएससी (एग्री) किया है। यहाँ मेरा चयन सुपरवाइज़र के लिए हुआ है। मुझे ख़ुशी है कि मेरे जिले में ही मुझे जॉब मिल रही है।

एक अन्य छात्र मनीष ने कहा कि मैंने साइंस से बीएससी किया है। मुझे केमिस्ट की जॉब मिली है। मेरे घर से चीनी मिल की दूरी 3 किलोमीटर है। घर के नज़दीक जॉब लगने से मै उत्साहित हूँ।

महाकौशल सुगर इंडस्ट्रीज़ की इस पहल का स्वागत क़रते हुए मध्य प्रदेश के रोज़गार आयुक्त धन राजू ने कहा कि चीनी उद्योग की से पहल सराहनीय है। इससे युवाओं को अपने जिले में ही रोज़गार मिलेगा तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है । रोज़गार आयुक्त ने कहा कि सरकार सब को जॉब नहीं दे सकती लेकिन निजी सेक्टर का सहयोग मिले तो प्रदेश में कोई युवा बेरोज़गार नहीं रहेगा।

प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि नरसिंहपुर जिले में ही तक़रीबन 10 निजी चीनी मिलें है अगर सभी चीनी मिलें मिलकर इस तरह के मेले आयोजित करें तो कृषि शिक्षा से पढ़े लिखे युवाओं के लिए नौकरियों की कमी नहीं रहेगी।कृषि मंत्री ने कहा कि इस तरह की मुहिम पूरे प्रदेश में चलाने ती ज़रूरत है। उन्होने कहा कि चीनी मिलें शुरु से ही रोज़गार दिलाने का बड़ा प्लेटफ़ॉर्म है रही है यहाँ तकनीकी और ग़ैर तकनीकी क्षेत्र के कामगारों के लिए जहाँ काम की अपार संभावनाएँ है वहीं गन्ना किसानों के लिए गन्ना बिक्री का बड़ा केन्द्र भी है। सरकार चीनी मिलों की इस पहल का स्वागत करती है।

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