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अम्बाला : महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की तरह हरियाणा में भी चीनी मिलें किसानों का भुगतान करने में नाकाम साबित हुई है। इससे किसान काफी परेशान है, गन्ना उत्पादक किसानों की बकाया 125 करोड़ की पेमेंट को लेकर भारतीय किसान यूनियन (रत्तन सिंह मान गुट) ने शुगर मिल के नजदीक धरना प्रदर्शन किया। किसानों की मिल प्रबंधन और प्रशासन से चली घंटों की जद्दोजहद के बाद नियमित रूप से मिल के गेट पर धरने का निर्णय लिया गया। यही नहीं मिल प्रबंधन को चेतावनी दी गई है कि यदि अगले रविवार तक पेमेंट का कोई समाधान नहीं हुआ तो मिल के गेट को बंद किया जाएगा। इस समय प्रदर्शनकारियों ने मिल के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की, जिससे माहौल कुछ तनावपूर्ण हो गया।
धरने में भाकियू के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने मुख्य रूप से शिरकत की। टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की, किसानों को उनके पसीने का पैसा मिलना चाहिए और किसान अपना पैसा लेने के लिए इक्ट्ठा हुआ है। किसान को एक एक पैसे के लिए हाथ फैलाना पड़ रहा है। प्रशासन किसान की बात सुनने के बजाए मिल प्रबंधन की वकालत कर रहा है। यूनियन किसानों के साथ ताकद से खड़ी है और जब तक पैसा नहीं मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि, मिल प्रबंधन किसानों को पेमेंट के बदले चेक दे और प्रशासन इसमें गारंटी ले। इस बात को लेकर मिल प्रबंधन का कहना था कि, जो किसान चेक के माध्यम से पेमेंट लेना चाहते हैं वह लिस्ट बनाकर मिल प्रबंधन को दे दें।
वहीं एसडीएम अदिति ने कहा कि चेक देने की भी एक लिमिट है। केन नियमों के मुताबिक पैसा सीधा किसान के खाते में जाना चाहिए। इस बारे में केन कमिश्नर ही बात कर सकते हैं। प्रशासन के इस जवाब से बिफरे किसानों ने कहा कि उन्होंने गन्ना मिल प्रबंधन को दिया है, क्योंकि उनका सीधा लेन देन मिल प्रबंधन से है। किसानों ने कहा कि जब तक पेमेंट नहीं मिल जाती मिल के गेट के सामने शांतिपूर्वक धरना जारी रहेगा।
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