बागपत: चीनी उद्योग संकट से गुजर रहा है, चीनी किमतों में दबाव और निर्यात ठप्प होने की वजह से मिलें आर्थीक तरलता की कमी का सामना कर रही है। मिल कर्मचारियों का वेतन भी कई बार समय पर नही हो पा रहा है। कर्मचारी आरोप लगा रहे है की ऐसे में अब अगर मिलें आउटसोर्सिंग का रास्ता अपनाऐंगी तो कर्मचारियों को भुखा मरने की नौबत आ सकती है। इसिलिए आउटसोर्सिंग के विरोध में सहकारी क्षेत्र की रमाला चीनी मिल के परिसर में कर्मचारियों ने अनशन शुरू कर दिया है। भाजपा विधायक योगेश धामा और केपी मलिक ने कहा कि, लखनऊ तक कर्मचारियों की आवाज उठाई जाएगी।
रमाला चीनी मिल परिसर में कर्मचारी सुधीर, सुबोध, अखिल पंवार, सचिन और अंकित शर्मा अनशन पर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना था कि उनका हक छीना जा रहा है। मिल के विस्तारीकरण से उन्हें उम्मीद जगी थी कि अब उनके भी अच्छे दिन आएंगे, लेकिन उनका रोजगार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। आउटसोर्सिंग से मिल के 250 कर्मचारियों का भविष्य खराब होगा। रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी रमाला मिल पहुंचे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की लड़ाई लड़ी जाएगी। जिस तरह कर्मचारियों को बेघर किए जाने की तैयारी है, वह बेहद निंदनीय है। रालोद कर्मचारियों को उनका हक दिलवा के ही रहेगा।
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