लखनऊ : चीनी मिल मजदूरों ने नए वेतनमान और अपनी अन्य विभिन्न मांगों को लेकर अपर श्रमायुक्त के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि प्रदेश सरकार की नीतियों के कारण चीनी मिल मजदूरों के वेतन में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं की गई। वेज बोर्ड की जगह सरकार त्रिदलीय सम्मेलनों के द्वारा वेतन पुनरीक्षण करने लगी है। पिछले वेतन पुनरीक्षण की अधिसूचना 30 सितम्बर 2016 को जारी हुई, जिसकी समय सीमा 30 सितम्बर 2018 को समाप्त हो गयी। एक अक्टूबर 2018 से मजदूरों को नए पुनरीक्षण वेतनमान मिल जाना चाहिए था जो अभी तक नहीं मिला है।
चीनी मिल मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले मजदूर नेताओं ने कार्यालय परिसर में ही काफी देर तक विरोध प्रदर्शन किया औऱ नारेबाजी की। बाद में उन्होंनें अपर श्रमायुक्त बीके राय को अपना ज्ञापन दिया और इसपर जल्द कार्रवाई की मांग की। मजदूर नेताओं ने मांग की कि एक अक्टूबर 2018 से प्रत्येक कर्मचारियों को महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन दिया जाय। सभी को ग्रेच्युटी का भुगतान एक माह वेतन के बराबर प्रति वर्ष के दर से किया जाय साथ ही कर्मचारियों को दस साल में एक प्रमोशन अवश्य दिया जाय। प्रदर्शन में उमा शंकर मिश्रा, चंद्रशेखर, राम निवास सिंह, अशोक सिंह, रामयश सिंह, लल्लन राय, गया प्रसाद भूषण आदि उपस्थित रहे।