चीनी मिल में बह गया सवा करोड़ का शीरा
बागपत। को-आपरेटिव शुगर मिल बागपत के परिसर में पांच कच्चे गड्ढ़ों में स्टॉक किया गया शीरा केमिकल रिएक्शन से ओवरफ्लो होकर मिल परिसर में बह गया। मिल की आवासीय कॉलोनी की तरफ बहकर जा रहे शीरे को मिट्टी डालकर रोका गया। एक परिवार को आवास खाली करना पड़ा। करीब सवा करोड़ का शीरा बेकार हुआ है। उत्पादन अधिक होने और डिस्टिलरी को सप्लाई नहीं होने के कारण शीरा स्टॉक किया गया था। तापमान 40 डिग्री के पार होने के कारण कच्चे गड्ढे में केमिकल रिएक्शन हुआ है।
बागपत चीनी मिल का पेराई सत्र चल रहा है। अब तक करीब 2.70 लाख क्विंटल शीरे का उत्पादन किया जा चुका है। मिल के जीएम प्रदीप वर्मा ने बताया कि शीरे को स्टॉक करने के लिए 60-60 हजार लीटर क्षमता के दो पक्के गड्ढे हैं। लेकिन उत्पादन अधिक होने के कारण पांच कच्चे गड्ढे खुदवाए गए थे। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे कच्चे गड्ढ़ों से केमिकल रिएक्शन के चलते शीरा मिल परिसर में बह गया। शीरा मैली यार्ड के अलावा आवासीय कालोनी की तरफ बढ़ने लगा। मिल प्रबंधन ने जेसीबी मंगाकर शीरे को आवासीय कालोनी में घुसने से रोका। क्रेन चालक बाबू खान के परिवार से आवास खाली कराया गया। मिल परिसर में बह गए शीरे की कीमत करीब सवा करोड़ रुपये है। शीरा फैलने से चीनी मिल के आसपास बदबू रही। यही नहीं उमस भी बढ़ गई। मिल कालोनी के अलावा आसपास की आबादी तक बदबू फैली रही। जीएम का कहना है कि एक या दो दिन में शीरा खुद ही सूख जाएगा।
बता दें कि इस बार गन्ने की अधिक उत्पादन हुआ। चीनी मिल में अब तक पेराई चल रही है। पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक दिनों तक गन्ने की पेराई हुई है। इस कारण अधिक शीरा उत्पादन हो गया है। जो अब जी का जंजाल बन गया है। चीनी मिल अभी तक 50 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर चुकी है।
डिस्टिलरी बंद, इसलिए स्टॉक किया गया था शीरा
बागपत। एनजीटी के आदेश पर शराब बनाने वाली डिस्टिलरी बंद है। इस वजह से इस बार चीनी मिलों को शीरा स्टॉक करना पड़ा। जीएम ने बताया कि दो पक्के गड्ढ़ों में उनका शीरा स्टॉक हो जाता था। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि कच्चे गड्ढे खुदवाने पड़े क्योंकि डिस्टिलरी बंद हैं। बाद में सप्लाई करने के लिए ही यह शीरा स्टॉक किया गया था। हालांकि मिल ने शीरे का इंश्योरेंस करा रखा था।
बलरामपुर-गजरौला में भी हुआ ओवरफ्लो
बागपत। बागपत चीनी मिल के अलावा इससे पहले बलरामपुर और गजरौला चीनी मिल में भी शीरा इसी तरह केमिकल रिएक्शन कर ओवरफ्लो हो चुका है। डिस्टिलरी बंद होने के कारण अधिकतर चीनी मिलों ने कच्चे गड्ढों में शीरा स्टॉक किया है, जिसके आसपास नियमित तरीके से पानी का छिड़काव नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि तापमान 40 डिग्री के आसपास बना रहने से शीरा के गड्ढों में केमिकल रिएक्शन हुआ और शीरा बह गया।