त्रिची: सैकड़ों गन्ना किसान सहकारी सोसायटी या राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण का लाभ उठाने में नाकाम रहें हैं, क्योंकि उनकी कोई गलती नहीं होने के बावजूद उन्हें लोन डिफ़ॉल्टर के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। गन्ना आपूर्ति के बाद बकाया राशि का निपटान किए बिना थंजावुर में थिरु अरोरण चीनी मिल द्वारा जुलाई में दिवालियापन की घोषणा के कारण यह स्थिती उत्पन्न हो गई है। किसानों ने कहा कि वे यह कर्ज नहीं चुका सकते। उन्होंने राज्य सरकार से अपने बकाया को निपटाने और कर्ज से बाहर आने में मदद करने का आग्रह किया।
2016-17 तक थिरु अरोरण और अंबिका चीनी मिल ने थिरुवूर, नागापट्टिनम और तिरुवरुर के 10,000 से अधिक किसानों द्वारा गन्ने की खरीद की थी। हालांकि, इसके बाद खरीद बंद कर दी गई, लेकिन किसानों का 32 करोड़ रुपये का बकाया पिछले तीन साल से लंबित है। तंजावुर डिस्ट्रिक्ट कावेरी फार्मर्स प्रोटेक्शन एसोसिएशन के सचिव स्वामीमलाई एस विमलनाथन ने बताया कि, इस साल जुलाई में थिरु अरूरन शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड ने दिवालिया होने की घोषणा की थी। बकाया राशि अप्रैल 2018 से पहले किसानों को दी जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसके कारण किसानों को प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों (PACCS) और राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऋण चुकाने में मुश्किल हुई। पीड़ित हजारों किसानों द्वारा मांग की गई है की, राज्य सरकार बकाया राशि का भुगतान करे।
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