कलबुर्गी: उपायुक्त यशवंत गुरुकर ने जिले की चीनी मिलों को चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार गन्ना किसानों को निश्चित उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) और परिवहन सब्सिडी के अनुसार भुगतान करने का निर्देश दिया है। गुरुकर ने कहा कि, गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 (खंड 6) के अनुसार, गन्ना पंजीकरण, गन्ना आपूर्ति और एफआरपी भुगतान के लिए चीनी मिलें और किसानों के बीच एक द्विपक्षीय समझौता अनिवार्य है। इस अनुबंध दस्तावेज की प्रतियां उपायुक्त कार्यालय द्वारा तैयार की जाएंगी और सभी किसानों और चीनी मिलों को तहसीलदारों के माध्यम से जारी की जाएंगी। गुरुकर ने कहा कि, यदि चीनी मिलें एफआरपी के अनुसार भुगतान करने में विफल रहती हैं या निर्धारित अवधि से जादा समय के लिए गन्ने के लिए किसानों का भुगतान रोक देती हैं तो वे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
उपायुक्त यशवंत गुरुकर ने कहा कि, द्विपक्षीय समझौता देरी से भुगतान की प्रथा और बिचौलियों के खतरे से बचने के लिए नया उपाय है, ताकि किसानों को अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद मिल सके। समझौते के तहत प्रत्येक चीनी मिल समय पर कटाई की निगरानी के लिए दो पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी। मिलें फसल से पहले किसानों को सूचित करेंगे। दो रैपिड टीमें बनाई गई हैं जो चीनी मिलों की तौल मशीनों की औचक जांच करेंगी और किसी भी कानून का उल्लंघन करते पाए जाने पर फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जिला प्रशासन ने गन्ना किसानों के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित की है, और अधिकारियों की एक टीम शिकायत दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर खेत का दौरा करेगी।