अहमदनगर : चीनी मंडी
अहमदनगर में निजी और सहकारी दोनों मीलाकार 16 चीनी मिलों को इस साल पेराई लाइसेंस मिली थी। चीनी आयुक्तालय के रिपोर्ट के मुताबिक, 05 मार्च, 2020 तक, 16 मिलों में 8 मिलों का पेराई सीजन खत्म हुआ है, 8 मिलों द्वारा अब भी बाहरी जिलों के गन्ने से पेराई शुरू है। गन्ने का रकबा कम होने के कारण इस साल चीनी मिलों को पेराई के लिए गन्ना कम उपलब्ध हुआ। इसके कारण, चीनी का उत्पादन कम हुआ और चीनी उद्योग भी इससे प्रभावित हुआ है। गन्ने कि कमी के कारण कई चीनी मिलों ने फरवरी-मार्च में पेराई रोक दी है। हर साल 180 दिनों से अधिक समय तक पेराई मौसम शुरू रहता है। लेकिन गन्ने की कमी के कारण इस साल, कुछ मिलें 90 दिनों से कम समय में बंद हुई।
जिले में, संजीवनी, शंकरराव काले, ज्ञानेश्वर, वृद्धेश्वर, मूला, क्रांति चीनी, गंगामाई और केदारेश्वर यह मिलें बंद हुई है। वर्तमान में चल रही मिलों के कार्यक्षेत्र में गन्ना खत्म हो गया है, और खबरों के मुताबिक यह मिलें अहमदनगर से सटे सोलापुर, नाशिक, औरंगाबाद और जलगाँव से गन्ना लाकर पेराई कर रही है। इन में से कुछ मिलों में चीनी के साथ-साथ उप-उत्पादों के उत्पादन की प्रमुख परियोजनाएँ हैं। इसलिए, ये मिलें अधिकतम पेराई की कोशिश कर रहे हैं।
05 मार्च, 2020 तक अहमदनगर विभाग में 54.18 लाख मे.टन गन्ना पेराई कर के 10.28 रिकवरी के हिसाब से 55.71 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन किया गया। वही राज्य की बात करे तो, 32 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है। जिसमे से 11 औरंगाबाद, 8 अहमदनगर, 4 सोलापर, 4 पुणे, 2 अमरावती और 3 कोल्हापुर की चीनी मिलें शामिल है। फ़िलहाल अब तक चीनी मिलों ने 477.77 लाख टन गन्ना पेराई करके के 11.08 चीनी रिकवरी के हिसाब से 529.40 लाख क्विंटल, यानी लगभग 52.94 लाख टन चीनी उत्पादन किया है।
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