कोल्हापुर / औरंगाबाद: राज्य की अनेक चीनी मिलों में पेराई समाप्त हो चुकी है जबकि कुछेक चीनी मिलों में लॉक डाउन के बावजूद प्रशासनिक अनुमति से पेराई का नियमित काम हो रहा है। लेकिन मजदूर नहीं मिलने से काम पर असर पड़ रहा है। पेराई सत्र के समाप्त होने पर गन्ना काटने वाले अनेक मजदूर अपने गांव बीड और मराठवाड़ा चले गये हैं। सिर्फ पश्चिमी महाराष्ट्र के मजदूर हैं। लेकिन यह भी कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए खेतों में काम करने से हिचकिचा रहे है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक कोल्हापुर के जिला डिप्टी रजिस्ट्रार अरुण काकड़ा ने कहा कि मौजूदा पेराई सत्र में कुल 22 चीनी मिलें चल रही थीं। जिनमें से 14 में लॉकडाउन से पहले ही पेराई पूरी हो चुकी है। फिलहाल सिर्फ 8 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है। उन्होंने कहा कि दो प्रमुख मिलों में पेराई का काम बहुत ही जल्द समाप्त होने वाला है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण गन्ना काटने वाले मजदूरों ने हाथ खींच लिये हैं। मिल के प्रबंधक उन्हें समझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कुछ स्थानों पर, जहाँ मजदूर गन्ना काटने के लिए तैयार नहीं हैं, मिलें खेतों में गन्ना काटने के लिए मशीनों का उपयोग करने का विकल्प तलाश रहे हैं।
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