कोल्हापुर: चीनी मंडी
गन्ना बकाया भुगतान के साथ -साथ सरकारी बकाया भुगतान में देरी के चलते कोल्हापुर विभाग की 18 चीनी मिलों के लाइसेंस चीनी आयुक्त कार्यालय ने पेंडिंग रखे हैं। जल्द ही शुरू होनेवाले 2019 -2020 चीनी सीजन के चलते लाइसेंस को लंबित रखने से मिलर्स में खलबली मच गई है। लंबित लाइसेंस रखी गई मिलों को 13 नवंबर तक अपनी बात रखने का अवसर दिया गया है।
राज्य में हर साल लगभग नवंबर महीने में चीनी सीजन शुरू होता है; लेकिन इस साल बाढ़ और सूखे के कारण गन्ना फसल का बड़ा नुकसान हुआ है। कोल्हापुर डिवीजन के कोल्हापुर और सांगली जिलों में गन्ना फसल को मार झेलनी पड़ी है। इस बीच, वापसी की बारिश ने चीनी सीजन के शेड्यूल के गणित को बाधित कर दिया है। राज्य में कोई नई सरकार नहीं बनने के कारण इस सत्र को शुरू करने के लिए मंत्री समिति की कोई बैठक नहीं हुई। अब सीज़न नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।
जिनके पेराई लाइसेंस को लंबित रखा गया है, उनमे केन एग्रो, शरद, गायकवाड़ -बंबावडे, रिलाएबल- फराले , सदाशिवराव मंडललिक , अप्पासाहेब नलवडे, पंचगंगा, कुम्भी-कासारी, वारना, आजरा, दौलत और सांगली जिले की राजारामबापू पाटिल – कारंदवाड़ी, सोनहिरा – वांगी, महाकाली, यशवंत, मानगंगा और तासगाव चीनी मिल शामिल है।
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