बलरामपुर: कोरोना औऱ लॉकडाउन के कारण लोगों में घर जाने की तलब लग गई है। सभी अपने घर जाने के लिए बेचैन हैं। चाहे वह रोजमर्रा की मजदूरी करने वाले मजदूर हों, शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी हों या चीनी मिलों में काम करने वाले कर्मचारी। पिछले डेढ़ महीने से सभी अपने घर जाने और अपने संबंधियों से मिलने का इन्तज़ार कर रहे है।
बलरामपुर की चीनी मिलों बलरामपुर चीनी मिल, तुलसीपुर चीनी मिल और बजाज चीनी मिल इटई मैदा के कर्मचारियों की भी लगभग यहीं स्थिति हैं। इन मिलों के कर्मचारियों ने पिछले दिनों अपने राज्य राजस्थान जाने के लिए आवेदन किया था। लॉकडाउन के दौरान इन कर्मचारियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका औऱ वे मिलों में ही फंसे रहे।
इन तीनों मिलों के तकरीबन 57 कर्मचारियों के आवेदन मंजूर किये गए हैं और एडीएम अरुण कुमार शुक्ल (वित्त) के मुताबिक चीनी मिलों में कार्यरत राजस्थान के 57 कर्मचारियों को सैनिटाइज रोडवेज बस से रवाना कर दिया गया।
बस से जाने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य का पूरा परीक्षण मेडिकल टीम ने किया औऱ फिर उन्हें उनके गंतव्य स्थानों पर पहुंचाया गया। उनके भोजन और पानी का पूरा ध्यान रखा गया। बस के रवानगी के समय चीनी मिल औऱ रोडवेज और चीनी मिलों के के अधिकारी उपस्थित थे।
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