नई दिल्ली: CRISIL tracker क़े मुताबिक, चीनी मिलों को 2022 सीज़न में राजस्व और मुनाफा दोनों में सुधार होने की उम्मीद है। इस सीजन में चीनी की कीमतों में 16-17 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, जबकि पिछली बार चीनी की कीमतों में मामूली गिरावट आई थी। चीनी किमतों में वृद्धि का कारण औद्योगिक मांग में तेजी और निर्यात में बढ़ोतरी है। स्थिर उत्पादन के बीच खपत में वृद्धि से माल की कमी होने की उम्मीद है, जिससे कीमतों मे तेज वृद्धि होगी।
इस साल चीनी निर्यात करीब 50 लाख टन होने की संभावना है। इस बार कोई सरकारी सब्सिडी नहीं होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 15-16 फीसदी की बढ़ोतरी से निर्यात व्यवहार्य होने की उम्मीद है। उच्च बिक्री मात्रा से राजस्व में 18-19 प्रतिशत की वृद्धि होने की पुरी संभावना बनी हुई है। एकीकृत चीनी मिलों को भी डिस्टिलरी सेगमेंट से उच्च राजस्व से लाभ होगा क्योंकि एथेनॉल की कीमतों में 4-6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और तेल विपणन कंपनियों द्वारा मांग बढ़ने की उम्मीद है। जिसके कारण चीनी मिलों को इस मौसम में समय पर गन्ना बकाया का भुगतान करने में मदद होगी।