कोल्हापुर, महाराष्ट्र: कोरोना वायरस महामारी के कारण चीनी उद्योग भी बुरी तरह से संकट में फंसा है। आगामी सीजन के लिए मिलों की तकनीकी मरम्मत जरूरी है, लेकिन लॉकडाउन के कारण स्पेअर पार्ट्स नही मिल रहे है। इसलिए तकनीकी मरम्मत को ‘ब्रेक’ लगा है। चीनी मिलों के पेराई सत्र की समाप्ति के बाद मई में तकनीकी मरम्मत का समय होता है। इसमें बॉयलर रखरखाव, मशीनरी काम शामिल होते है। चूंकि मिलों का काम अक्टूबर से पहले होना जरुरी है, मिलों के प्रबंधन के सामने काम समय पर पूरा करने की चुनौतियां खड़ी है। इस बीच, पेराई सत्र के लिए गन्ना परिवहन वाहनों के अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सभी ट्रांसपोर्टरों को अग्रिम भुगतान भी किया गया है, लेकिन मिलों की मरम्मत के लिए स्पेयर पार्ट्स नही मिलने से रखरखाव में बाधा आ रही है। कई सामान मुंबई, पुणे और अन्य जगह से आते है लेकिन यहां लॉकडाउन होने के चलते स्पेयर पार्ट्स मिलने में दिक्कतें आ रही है।
बॉयलर निरिक्षण, वजन कांटों की मरम्मत, फ्लो मीटर कैलिब्रेशन, विद्युत उपकरण जांच आदि काम को हर साल सरकारी नियमों के अनुसार करना अनिवार्य होता है। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते, इस बात की कोई गारंटी नही है की, मरम्मत के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध होगी। यह भी आशंका है की, सामग्री देर से मिलने पर मरम्मत समय पर पूरी नही होगी। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल मोटर्स- पैनल बोर्ड, पावर टरबाइन आदि मशीनरी की मरम्मत और रखरखाव करनेवाले तकनीशियन, श्रमिक भी जरुरत के हिसाब से नही मिल रहें है। लॉकडाउन के कारण ये लोग मरम्मत के लिए समय पर पहुँच नही सकते।
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