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लखनऊ : चीनी मंडी
उत्तर प्रदेश में गन्ना भुगतान को लेकर किसानों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। राज्य सरकार के चेतावनी के बावजूद कई सारी चीनी मिलों ने अब तक भुगतान नही किया है और तो और प्रदेश में कई सारे किसानों का गन्ना खेत में कटा पड़ा है, किसानों में गन्ना तौल न होने से आक्रोश है। इसके चलते अब सरकार भी हरकत में आ गई है और आनन फानन में बैठकों का दौर चल रहा है। गोंडा की चीनी मिलों को गन्ना मूल्य का भुगतान के लिए 20 फरवरी तक की मोहलत दी गई है।
गोंडा में गुरुवार को आयुक्त देवीपाटन मंडल सुधेश कुमार ओझा ने कार्यालय में चीनी मिल प्रबंधक व अधिकारियों के साथ बैठक करके बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा की। उप आयुक्त गन्ना देवीपाटन परिक्षेत्र अमर ¨सह ने बताया कि इटई मैदा व कुंदुरुखी चीनी मिल ने पेराई सत्र 2017-18 का गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है। मंडल की चिलवरिया मिल पर दो वर्षों के 42 करोड़ रुपये की बकायेदारी है। चालू पेराई सत्र 2018-19 में चीनी मिलों पर 553 करोड़ रुपये की बकायेदारी है। मंडलायुक्त ने चीनी मिलों के प्रबंधकों को किसानों के बकाया गन्ने का मूल्य भुगतान जल्द करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें कोई भी लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
जिला गन्ना अधिकारियों को मॉनीट¨रग करते हुए गन्ना मूल्य का भुगतान पाक्षिक रूप से कराने का निर्देश दिया। मंडलायुक्त ने भुगतान की रिपोर्ट भी मांगी है। बीते वर्ष का गन्ना मूल्य 20 फरवरी तक हरहाल में करने के निर्देश दिए गए हैं, तय समय में भुगतान न होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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