नई दिल्ली: देश भर की चीनी मिलों ने तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के साथ 302.3 करोड़ लीटर इथेनॉल आपूर्ति के लिए अनुबंध किया है। यह पिछले सीजन में आपूर्ति की गई 178 करोड़ लीटर से 70 फीसदी अधिक है। इससे अधिशेष चीनी के समस्या को कम करने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए में मदद होगी। इस मौजूदा चीनी मौसम में गन्ने का रस और बी-भारी मोलासेस से इथेनॉल उत्पादन के कारण मिलों को 20 लाख टन तक चीनी उत्पादन कम करने में मदद होगी।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, देश के इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के लिए 117.72 करोड़ लीटर इथेनॉल पहले ही वितरित किया जा चुका है। इस मात्रा का लगभग 77 प्रतिशत गन्ने के रस और बी-हैवी मोलासेस से तैयार किया गया था।
द हिन्दू बिज़नेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘इस्मा’ के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा की, पिछले साल इथेनॉल उत्पादन के कारण 7-8 लाख टन अधिशेष चीनी को कम करने में और इस वर्ष सीजन के अंत तक लगभग 20 लाख टन चीनी अधिशेष कम होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, इथेनॉल अधिशेष चीनी के उत्पादन को कम करने में मदद करता है; इसके अलावा यह बेहतर रिटर्न भी देता है। इसके अलावा, इथेनॉल तुरंत बेचा जाता है, लेकिन चीनी बेचने में कई महीने लगते हैं। चीनी मिलें हर साल इथेनॉल का उत्पादन बढ़ा रही हैं।