पुणे : कुछ साल पहले आर्थिक तंगी का सामना करने वाले महाराष्ट्र के चीनी उद्योग की एथेनॉल उत्पादन में दिलचस्पी बढ़ रही है। राज्य ने अपनी एथेनॉल उत्पादन क्षमता पिछले कुछ वर्षों में बढ़ाया है।
महाराष्ट्र में कई चीनी मिलें ईंधन उद्योग की उच्च मांग और अधिक रिटर्न के कारण अपने व्यवसाय को एथेनॉल के उत्पादन की ओर स्थानांतरित कर रही है।
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा, एथेनॉल मिश्रण के लिए ईंधन उद्योगों से अधिक मांग है, लेकिन मौजूदा मिलें एथेनॉल की आवश्यक आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है। अधिकांश चीनी मिलें चीनी उत्पादन का विकल्प चुनने के बजाय गन्ने को सीधे एथेनॉल उत्पादन के लिए मोड़ रहे हैं। हम ब्राजील मॉडल का अनुसरण कर रहे हैं, जहां बाजार की मांग के अनुसार वे अपने उत्पादन को चीनी और एथेनॉल के बीच स्विच कर रहे है। गायकवाड़ ने कहा, अगर हम पिछले तीन साल के आंकड़ों की तुलना करें तो हम कह सकते हैं कि मांग आपूर्ति से अधिक है। चीनी मिलों द्वारा 2020-21 में 89.81 प्रतिशत, 2021-22 में 85 प्रतिशत और इस वर्ष 2022-23 में 36.27 प्रतिशत एथेनॉल की मांग की आपूर्ति की गई। गायकवाड़ ने कहा, इस साल महाराष्ट्र में एथेनॉल क्षेत्र में 12,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है।