पुणे: महाराष्ट्र में चीनी मिलें गन्ना भुगतान में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 15 मई तक, राज्य में चीनी मिलों ने 22,888 करोड़ के कुल देय एफआरपी की तुलना में 21,454 करोड़ का भुगतान किया है, जो की 93.63 प्रतिशत है। राज्य में अब 1,458 करोड़ गन्ना बकाया बाकी है, जो की 6.37 प्रतिशत है।
इस सीजन में परिचालन शुरू करने वाली 190 चीनी मिलों में से 103 चीनी मिलों ने 100 प्रतिशत एफआरपी भुगतान किया है, जबकि 85 मिलों ने आंशिक रूप से किसानों को एफआरपी का भुगतान किया है। राज्य में दो चीनी मिलों ने शुन्य गन्ना भुगतान किया है। चीनी आयुक्तालय द्वारा गन्ना भुगतान में विफल कुछ चीनी मिलों को राजस्व वसूली प्रमाणपत्र (आरआरसी) नोटिस जारी किया गया है।
गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 ने किसानों द्वारा आपूर्ति के 14 दिनों के भीतर गन्ना मूल्य का भुगतान अनिवार्य कर दिया है। यदि मिलें निर्धारित समय में भुगतान करने में विफल रहती हैं, तो उन्हें देय राशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होता है। चीनी आयुक्त कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि, राज्य की चीनी मिलों ने 16 मई तक 1062.11 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन करने के लिए 1012.00 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की है। 190 चीनी मिलों में से 186 ने पेराई कार्य बंद कर दिया है।