भारत की तरह पाकिस्तान भी गन्ना बकाया की चपेट में

नांदेरो: भारत के तरह पाकिस्तान में भी गन्ना बकाया एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। पाकिस्तान में कई चीनी मिलों ने अब तक गन्ना भुगतान नहीं किया है। लरकाना और कंबर-शाहदकोट जिले के गन्ना किसानों ने नांदेरो चीनी मिल (एनएसएम) के गेट पर अपने पिछले तीन साल के बकाये को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व हुसैन बक्स भुट्टो, मलूक जाखरो, बदरुद्दीन मोहिल, ऐजाज़ करतियो और नज़ीर ब्रोही ने किया। साथ में स्थानीय लोग भी इसमें शामिल हुए।

प्रदर्शनकारियों के हाथों में बड़े-बड़े बैनर थे और वे नांदेरो चीनी मिल के प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे थे। गन्ना किसानों का आरोप था कि मिल ने उनके वर्ष 2017, 2018 और 2019 के दौरान बेचे गए गन्ने का अबतक भुगतान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह सरासर अन्याय और नियमों का उल्लंघन है। उनका कहना था कि नांदेरो चीनी मिल के अधिकारी उन्हें बकाये का भुगतान नहीं करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि चीनी मिल के अधिकारियों ने पहले ही चीनी का स्टॉक बेच दिया था जो उनके गन्ने से तैयार किया गया, लेकिन अभी तक गरीब किसानों को उनका बकाया भुगतान नहीं किया है।

किसानों का कहना था कि उन्होंने गन्ने की खेती के लिए परिवहन, उर्वरक और बीज की खरीदी उधारी पर लिया लेकिन चीनी मिलों के भुगतान नहीं आने से हमने अभी तक उधारी देने वालों का भुगतान नहीं किया जबकि हमें उन्हें हर सीजन के बाद पैसा चुकाना पड़ता है। मिल द्वारा भुगतान न करने और डीलर अपनी बकाया राशि के लिए लगातार हमारे दरवाजे खटखटा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मिल अधिकारियों के बेरुखे व्यवहार ने हमें आर्थिक रूप से मार दिया है। पिछले साल हमने 33 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला। क्योंकि स्थानीय सरकार ने गरीबी से त्रस्त किसानों के लिए अपनी आँखें और कान बंद कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि वे यहां फिर से लौट आए हैं और तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक कि उनका भुगतान मिल मालिकों द्वारा नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि मौजूदा पेराई सत्र के दौरान गन्ने की आपूर्ति के लिए उन पर फिर से दबाव डाला जा रहा है, लेकिन वे अपनी पिछली गलतियों को नहीं दोहराएंगे और जब तक उनका बकाया भुगतान नहीं हो जाता, तब तक वे गन्ने की आपूर्ति नहीं करेंगे।

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