नई दिल्ली : तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2022-23 के लिए अनुबंधित 514 करोड़ लीटर में से 30 अप्रैल तक 233 करोड़ लीटर एथेनॉल प्राप्त किया है, जिससे उन्हें मिश्रण को 10 प्रतिशत के मुकाबले 11.65 प्रतिशत तक बढ़ाने में मदद मिली। मौजूदा ईएसवाई में पेट्रोल के साथ एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य 12 फीसदी है, जो बहुत जल्द पूरा होने की संभावना है।
द हिन्दू बिजनेसलाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, तमिलनाडु को छोड़कर, देश में गन्ने की पेराई लगभग समाप्त हो गई है, और डिस्टिलरी अब मॉलसेस से एथेनॉल का उत्पादन करेगी। गन्ने के रस से एथेनॉल उत्पादन का विकल्प अब खत्म हो गया है। ओएमसी ने चीनी आधारित डिस्टिलरीज से 374 करोड़ लीटर और अनाज आधारित संयंत्रों से 140 करोड़ लीटर खरीदने का अनुबंध किया है।
एक टन गन्ने के रस से सीधे संसाधित होने पर लगभग 70-75 लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता है, जबकि एक टन बी-हैवी शीरा लगभग 320 लीटर एथेनॉल का उत्पादन करता है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, चीनी मिलों ने गन्ने के रस से बने 138 करोड़ लीटर एथेनॉल और बी-हैवी मॉलसेस से 230 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति करने का अनुबंध किया है। केंद्र सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए एथेनॉल वर्ष को नवंबर से अक्टूबर में बदल दिया है। चालू वर्ष के लिए एक परिवर्तन के रूप में, यह दिसंबर से अक्टूबर तक 11 महीनों तक चलेगा और 12 प्रतिशत सम्मिश्रण को 31 अक्टूबर तक हासिल किया जाना है।