पुणे : चीनी मंडी
महाराष्ट्र चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि, गन्ने की आपूर्ति की तारीख से 14 दिनों के भीतर गन्ने की राशि किसानों के बैंक खाते में जमा करना आवश्यक है। इसके अलावा, चीनी मिलों को 15 दिनों के बाद विलंबित अवधि के लिए किसानों के खाते में बकाया एफआरपी पर 15% ब्याज जमा करने के लिए बाध्य किया जाएगा।
गायकवाड़ द्वारा जारी किए गए एक परिपत्र में, चीनी मिलों को अपने निदेशक मंडल की बैठक में गन्ना किसानों को एफआरपी राशि का भुगतान करने के लिए 14 दिनों की समय सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए है।
गन्ना किसान दावा करते है की गन्ना मूल्य समय में नहीं मिलने पर उनकी आर्थिक स्थिति पर बहत असर पड़ता है। महाराष्ट्र में कई किसान संगठन गन्ना मूल्य को लेकर आक्रामक है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने मांग की है कि, गन्ना किसानों को 2019-20 सीजन में पहली किश्त के रूप में एफआरपी (गन्ना मूल्य) के साथ साथ प्रति टन 200 रुपए ज्यादा मिलने चाहिए। शेट्टी के नेतृत्व में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने गन्ना मूल्य को लेकर आक्रामक रवैया अपनाया है।
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