लखीमपुर खीरी : चीनी मंडी
युपी की चीनी मिलों पर गन्ना बकाया भुगतान को लेकर राज्य सरकार द्वारा दिए गये आदेश का कोई भी असर होता नही दिख रहा है। एकतरफ मिलें करोड़ो का भुगतान करने में नाकाम रही है, तो दूसरी तरफ किसान बकाया भुगतान के लिए तरस रहे है। ऐसी हालात में सरकार मिलों के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है।
पेराई सत्र समाप्त हुए दो महीने हो चुके हैं लेकिन चीनी मिलें गन्ना भुगतान नहीं कर पा रही हैं। प्रदेश की नौ मिलों पर पंद्रह अरब से ज्यादा का बकाया है। किसानों का कुल बकाया अभी भी 9,500 करोड़ रुपये है। जिसमें निजी स्वामित्व वाली चीनी मिलों में से, यदु समूह, सिम्भोली शुगर्स, मोदी समूह, बजाज समूह और मवाना शुगर्स के पास लगभग 5,000 करोड़ रुपये का बकाया है। पिछले साल इसी तारीख को प्रदेश में गन्ना बकाया 12,075 करोड़ रुपये था। कुल बकाया में से, निजी मिलों का लगभग 9,000 करोड़ रुपये का बकाया है, जबकि तीन यूपी चीनी निगम और 24 चीनी सहकारी मिलों का शेष 500 करोड़ रुपये का बकाया है।
नौ चीनी मिलों ने 1227.55 लाख क्विंटल गन्ना किसानों से खरीदा है जिसके एवज में 39 अरब 41 करोड़ 44 लाख 31 हजार रुपये गन्ना मूल्य भुगतान किया जाना है। किसानों का 15 अरब छह करोड़ 31 लाख 71 हजार रुपये बकाया हैं। गन्ना किसानों को समय से भुगतान न करने के चलते चीनी मिलों को गन्ना एक्ट के मुताबिक ब्याज का भी भुगतान करना होगा। अभी तक नौ चीनी मिलों पर 84 करोड़ 69 लाख 97 हजार रुपये ब्याज की देनदारी बन चुकी है।