चीनी उद्योग एथेनॉल सम्मिश्रण को बढ़ाने को लेकर सकारात्मक है और इसको लेकर सरकार के सामने एक हालिया प्रस्तुति में 2030 तक पेट्रोल के साथ 50 प्रतिशत औसत एथेनॉल सम्मिश्रण हासिल करने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोड मैप तैयार किया है।
इस योजना में डिस्टलरी क्षमता बढ़ाने के लिए ₹50,000 करोड़ के संचयी निवेश की परिकल्पना की गई है। यह 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण प्राप्त करने के लिए पहले से निर्धारित ₹15,000 करोड़ की राशि से अधिक होगी।
प्लान के मुताबिक, 2030 तक 50 प्रतिशत का वार्षिक औसत राष्ट्रव्यापी सम्मिश्रण प्राप्त करने के लिए, आवश्यक कुल एथेनॉल आपूर्ति लगभग 30 बिलियन लीटर होगी। इसमें से लगभग 15-16 बिलियन लीटर गन्ना आधारित मोलासेस से आएगा। योजना में कहा गया है कि बाकी हिस्सा क्षतिग्रस्त अनाज, मक्का और अन्य स्रोतों से होगा।
द बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) द्वारा 2030 तक 50 प्रतिशत औसत एथेनॉल मिश्रण का रोडमैप तैयार किया गया है। इसे हाल ही में एक बैठक में सरकार और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा किया गया था।
इसमें E-100 फ्लेक्स फ्यूल वेहिकल (FFVs) के व्यापक लॉन्च का भी आह्वान किया गया है, जो 10-100 प्रतिशत एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल पर चल सकता है।
योजना के मुताबिक, देश में 30 बिलियन लीटर एथनॉल बनने से पेट्रोल का आयात कम होगा। इससे 2030 तक तकरीबन 15 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा बच जाएगी और किसानों की आय में करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये का इजाफा होगा।