प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, उ.प्र. वीना कुमारी के कुशल नेतृत्व में गन्ना किसानों के व्यापक हितों के दृष्टिगत आगामी बसन्तकालीन बुवाई एवं रोगों से प्रभावी प्रजाति बदलाव विषय पर प्रदेश के गन्ना किसानों, वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों व चीनी मिल प्रबन्धन के साथ विस्तृत चर्चा हुई सम्पन्न। इस बैठक में आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, उ.प्र. ने निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारी चीनी मिलवार जलवायु एवं भौगोलिक दशाओं के अनुसार 25 दिसम्बर, 2024 तक तैयार करें माइक्रो प्लान तथा क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें।
आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, उ.प्र. ने बताया कि गन्ना किस्म को.0238 में डी. जनरेशन उपज में आ रही गिरावट एवं रोग कीटों से अधिक प्रभावित होने के कारण इसके विस्थापन का निर्णय लिया गया है। इसी के दृष्टिगत गन्ना किस्म के बदलाव तथा रोग कीटों के प्रभावी नियंत्रण के समुचित योजना के क्रियान्वयन हेतु ब्रेन स्टार्मिंग सेशन आयोजित की गयी थी। बैठक में विभागीय अधिकारियों एवं चीनी मिलों को गन्ना किस्म को.15023, को.0118, को.लख. 14201, को.लख. 16202, को.शा.13235, को.शा.17231, को.शा.18231 के बीज आरक्षित कर को.0238 को विस्थापित करने के निर्देश दिये।
उन्होने यह भी निर्देश दिया कि गन्ने की सम्भावित कमी के दृष्टिगत फील्ड में खड़ी नर्सरी एवं अन्य प्लाटों में खड़ी फसल का बीज में चयन करते हुए बीज को आरक्षित करायें तथा प्रचार-प्रसार के माध्यमों से पोस्टर, बैनर एवं वाहनों से मुनादि द्वारा गन्ना किस्म को.0238 से होने वाले नुकसान एवं इसके विस्थापन के संबंध में किसानों को जागरूक करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं चीनी मिलों को निर्देश दिये कि गन्ना बुवाई के समय बीज व भूमि उपचार तथा ट्राइकोडर्मा के उपयोग द्वारा लाल सड़न एवं बील्ट के पैथोजन का उचित नियंत्रण हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
इस बैठक में संयुक्त प्रबन्ध निदेशक नवनीत सेहारा, अपर गन्ना आयुक्त(विकास) वी.के शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त(समितियां) डा. वी.बी. सिंह, अपर गन्ना आयुक्त(क्रय) विश्वेश कनौजिया, समस्त परिक्षेत्रीय अधिकारी, वैज्ञानिक एवं चीन मिलों के प्रतिनिधि के साथ-साथ जनपदों से वर्चुअल जुड़े प्रगतिशील गन्ना किसान उपस्थित रहे।