बीड: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि, चीनी मिलों को गन्ने से चीनी के साथ साथ एथेनॉल उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, मिलों को बायप्रोडक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसके बिना कोई रास्ता नहीं है। वह बीड जिले के केज तालुका के आनंदगांव (सा.) में येडेश्वरी शुगर फैक्ट्री के डिस्टलरी के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जल संसाधन एवं लाभार्थी क्षेत्र विकास मंत्री जयंत पाटिल ने की। मंच पर सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता मंत्री धनंजय मुंडे, विधायक प्रकाश सोलंकी, विधायक संदीप क्षीरसागर, विधायक संजय दौंड, येदेश्वरी चीनी मिल के अध्यक्ष बजरंग सोनवणे सहित अन्य मौजूद थे।
पवार ने कहा कि, बीड सहित 10 जिलों में गन्ना श्रमिकों के बच्चों के लिए 41 स्थानों पर संत भगवान बाबा छात्रावास शुरू किए जा रहे हैं। पवार ने कहा कि, छात्रावास छात्रों को आवास, भोजन और शिक्षा प्रदान करेगा। पवार ने कहा कि, जब तक इलाके के सारे गन्ने की पेराई नहीं हो जाती, तब तक फैक्ट्रियां बंद नहीं होनी चाहिए। सरकार मिलों की परिवहन सब्सिडी और नुकसान की वसूली में मदद करेगी। उन्होंने कहा, जिस क्षेत्र में गन्ने की कटाई होनी है वहां हार्वेस्टर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने गन्ना किसानों को सुझाव दिया की, पानी की उपलब्धता के अनुसार गन्ने की खेती करनी चाहिए। उन्होंने वादा किया कि, बीड जिले के विकास के लिए धन की कमी नहीं होगी। सरकार ने रुपये तक का ऋण चुकाने वाले किसानों को प्रोत्साहन वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के लिए करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।