बिजनौर: अतिरिक्त गन्ना उत्पादन और अधिशेष चीनी की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है। इससे तेल आयात कम करना और किसानों के राजस्व में बढ़ोतरी करने का उद्देश भी सफल होते दिखाई दे रहा है। कई मिलें तो अब ब्राजील की तर्ज पर गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल उत्पादन कर रही है। बिजनौर जिले की धामपुर और स्योहारा चीनी मिल ने भी अब गन्ने के रस से एथेनॉल उत्पादन शुरू कर दिया है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, डीसीओ यशपाल सिंह ने बताया की, धामपुर चीनी मिल 36 हजार क्विंटल और स्योहारा चीनी मिल प्रतिदिन 16 हजार क्विंटल गन्ने से एथेनॉल बनाएंगी। जिले की पांच चीनी मिल जैसे धामपुर चीनी मिल, स्योहारा चीनी मिल, नजीबाबाद चीनी मिल, बुंदकी चीनी मिल और बरकातपुर चीनी मिल शीरा और बी हैवी मोलासेस से एथेनॉल उत्पादन कर रही हैं। सभी चीनी मिलें किसानों को समय पर भुगतान भी दे रही है।
पिछले साल, सरकार ने अपने पिछले लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण हासिल करने का लक्ष्य आगे बढ़ाया, ताकि महंगे तेल आयात पर इसकी निर्भरता को कम करने में मदद मिल सके।
सरकार एथेनॉल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है और उनको बहुत अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही है। केंद्र सरकार को अब पूरा विश्वास है की एथेनॉल मिश्रण का 20% का लक्ष्य 2025 तक हासिल किया जा सकता है।