शाहजहांपुर, 6 सितम्बर: औद्योगिक क्रान्ति के ज़रिए उत्तर प्रदेश सरकार सूबे को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए संभाग स्तर पर पूँजी निवेश आकर्षित करने के साथ पहले से चल रही सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की इंडस्ट्रीज़ को वित्तीय मदद की जा रही है। प्रदेश में उद्योग अनुकूल माहौल बने इसके लिए पुरानी चीनी मिलों का भी सर्वे किया गया है। इस प्रकिया में प्रदेश स्तर पर शासन द्वारा पहले से चल रही चीनी मिलों की कार्य दक्षता परखने और पुरानी मशीनों का आधुनिकीकरण कर मिलों का जीर्णोंद्वार किया जा रहा है। सरकार के निर्देंशों की पालना में शाहजहांपुर जिले की तिलहर चीनी मिल का भी सर्वे किया गया। सर्वे का कार्य ज़िलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशन में हुआ । सर्वे रिपोर्ट की बैठक के दौरान इलाक़े में गन्ना उत्पादन की तुलना में चीनी मिल में पैराई क्षमता कम होने की शिकायत मिली। इसके अलावा चीनी मिल में आधुनिकीकरण के लिए सरकार से वित्तीय मदद की बात पर जोर दिया गया। चीनी मिल प्रबंधन की ओर से अपनी रिपोर्ट में भी क्षमता से ज्यादा गन्ना मिल में आने की ताक़ीद की गयी। पर्यवेक्षण दल की अध्यक्षता कर रहे ज़िलाधिकारी विक्रम सिंह को चीनी मिल की कार्य क्षमता में इज़ाफ़ा करने के साथ नवीनीकृत मशीनों के लिए शासन से वित्तीय मदद की माँग की गयी जिसे स्वीकार कर चीनी मिल की कार्य क्षमता को दो गुना करने की कमेटी की तरफ़ से अनुंशसा हुई।
बैठक में तिलहर चीनी मिल की अंश पूँजी में 10 करोड़ का इजाफा करने की भी सहमति बनी और अंश पूँजी को 30 करोड़ से बढ़ाकर 40 करोड़ किया गया। चीनी मिल के मुख्य प्रबंधक एके खरे ने कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए कहा कि मिल में पहले से रिक्त पदों को भरने की ज़रूरत है। ऐसे में मिल की कार्यक्षमता बढाने पर तकनीकी और ग़ैर तकनीक कर्मचारियों की ज़रूरत होगी जिसे समय रहते पूरा करना ज़रूरी है।
बैठक में गन्ना किसानों के प्रतिनिधि नन्दलाल ने गन्ना ढुलाई के दौरान किसानों की आकस्मिक दुर्घटना का ज़िक्र करते हुए बीमा राशि बढाने की माँग की। ज़िस पर जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम ने बताया कि सरकार किसानों के हित के लिए काम कर रही है किसान दुर्घटना बीमा राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रूपये कर दी गयी है।
ख़ुशीराम ने कहा किसान को दुर्घटना में गंभीर चोट लगने या असमय मौत होने पर उसके परिवार को वित्तीय मदद की ज़रूरत होती है जिसे देखते हुए शासन की तरफ़ से पूर्व में जो बीमा प्रावधान थे उन्हें दो गुना कर दो लाख रुपये कर दिया है।
जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम ने बताया कि गन्ना किसानों के हित में तय किया गया कि किसानों से प्रति क्विंटल अंश पूँजी 15 रुपये के बजाय एक रुपये की जाए जिसकी स्वीकृति ज़िलाधिकारी की तरफ़ से हुई है। चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसान नेतराम ने बताया कि हमारे खेत का गन्ना बीते कई साल से तिलहर चीनी मिल में पैराई के लिए आता है। हम लोगों की समस्याएँ तो बहुत है लेकिन जो हित में हो रहा है वह अच्छी बात है। किसान हित में दुर्घटना बीमा राशि दो गुना करने और प्रति क्विंटल अंश पूँजी में कटौती घटाकर एक रुपया किए जाने का हम स्वागत करते है। बैठक में चीनी मिल में व्याप्त अनियमितताओं को दूर करने के लिए कार्य योजना बनाने पर एक नीति बनी वहीं गन्ना किसानों को गन्ना पैराई के दौरान आने वाली दिक़्क़तों के त्वरित समाधान पर भी आम सहमति बनी।
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