मुंबई: महाराष्ट्र में आने वाले पेराई सत्र की तैयारी चल रही है और इसको लेकर एक अहम निर्णय लिया गया है। राज्य में 2021-22 के लिए गन्ना पेराई सत्र 15 अक्टूबर 2021 से शुरू करने का निर्णय आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई मंत्री समिति की बैठक में लिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 15 अक्टूबर 2021 से पहले गन्ने की पेराई शुरू करने वाली मिलों के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
आपको बता दे, आज हुई बैठक में मंत्री, अधिकारी समेत अन्य लोग मौजूद थे। बैठक सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, सहकारिता मंत्री बालासाहेब पाटिल, कृषि मंत्री दादा भूसे, राज्य मंत्री विश्वजीत कदम, चीनी संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव आशिषकुमार सिंह, प्रमुख सचिव विकास खारगे, सहकार व पणन विभाग के प्रधान सचिव अनुप कुमार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव ओ.पी गुप्ता, कृषी विभाग के सचिव एकनाथ डवले, चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड, महाराष्ट्र बैंक के संचालक विद्याधर अनासकर समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
आज की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चीनी मिलें किसानों को तत्काल एफआरपी राशि का भुगतान करें। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जो मिलें एफआरपी का समय पर और पूरा भुगतान नहीं करती हैं, उन्हें अगले सीजन गन्ना देना है या नहीं यह किसान तय करे।
बैठक में यह बताया गया कि राज्य में 146 चीनी मिलों ने किसानों को एफएआरपी राशि का 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया है।
प्रदेश में 112 सहकारी एवं निजी मिलों में एथेनॉल परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। जिसमें से 206 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता है। बैठक में यह भी बताया गया कि 2022 तक 10% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया जाएगा क्योंकि केंद्र सरकार ने चीनी, शुगर सिरप और बी-हैवी मोलासेस से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने की नीति अपनाई है।