नई दिल्ली : चीनी मंडी
चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों ने सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) से इथेनॉल खरीद के लिए तीसरा टेंडर जारी करने का आग्रह किया है। इस सीजन इथेनॉल उत्पादन के लिए ज्यादा गन्ना आवंटित किया गया है, जिससे ज्यादा इथेनॉल उत्पादन होने की संभावना है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय तेल निगम लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) इन तीन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को लिखा है की, मिलों की मदद करने के लिए उन्हें एक ताजा इथेनॉल खरीद निविदा जारी करे। जिससे तेल की आपूर्ति भी कम होगी।
भारत कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए विदेशी बाजार पर पूरी तरह से निर्भर है। यह निर्भरता न केवल कच्चे कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालती है, बल्कि स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों और सेवाओं की कीमतों को तय करने में अनिश्चितता भी पैदा करती है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने विभिन्न उपायों के माध्यम से चीनी मिलों और आसवनी को प्रोत्साहित किया है ताकि ‘ओएमसी’ को इथेनॉल की आपूर्ति की जा सके और केंद्र सरकार ने 20 प्रतिशत सम्मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक ‘इस्मा’ के महानिदेशक अबिनाश वर्मा ने कहा की, देश में कुछ चीनी मिलें और डिस्टिलरी हैं जो चालू वर्ष में ‘ओएमसी’ को कुछ अधिक मात्रा में इथेनॉल की आपूर्ति करना चाहती हैं।
आपको बता दे, कोरोना वायरस महामारी से बचाव और रोकथाम तथा इससे होने वाले नुकसान से निपटन के लिए ब्राजील में इथेनॉल के डिस्ट्रीब्यूटर्स और प्रोड्यूसर्श ने स्पेशल क्राइसेस मैनेजमेंट टीम (संकट प्रबंधन टीम) का गठन किया है। इस महामारी के कारण इन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस टीम का काम महामारी में नुकसान से बचने के लिए रणनीतियां बनाने और उसे कार्यान्वित करना होगा।
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