गन्ना मजदूरों को पहचान पत्र जारी नहीं किया तो चीनी मिलें चलने नहीं देंगे: गन्ना कटाई एवं परिवहन श्रमिक संघ

कोल्हापुर: राज्य सरकार ने राज्य में गन्ना श्रमिकों को पहचान पत्र जारी करने की जिम्मेदारी ग्राम सेवकों को सौंपी है। हालांकि, कोल्हापुर जिले के ग्राम सेवक संगठनों ने यह काम करने से इनकार कर दिया है। इस पर महाराष्ट्र राज्य गन्ना कटाई एवं परिवहन श्रमिक संघ के प्रदेश महासचिव प्रो. सुभाष जाधव ने प्रेस नोट के माध्यम से पहचान पत्र नहीं देने पर आने वाले पेराई सत्र में मिलें नहीं चलने देने की चेतावनी दी है। जाधव ने कहा, गन्ना मजदूर पंजीकरण समेत अन्य मांगों पर ध्यान दिलाने के लिए संगठन की ओर से नौ अगस्त को मोर्चा निकाला जायेगा।

उन्होंने कहा, सरकार ने गांवों में ग्राम सेवकों के माध्यम से श्रमिकों का पंजीकरण करने और पहचान पत्र जारी करने के लिए एक परिपत्र जारी किया था।इतना ही नही यह भी कहा गया था कि 2022 के शरद ऋतु से पहले इन श्रमिकों को निगम द्वारा पहचान पत्र दिया जाएगा और सुविधाएं भी लागू की जाएंगी। जाधव ने चेतावनी दी कि, अगर इस साल के गन्ना सीजन की शुरुआत से पहले कोल्हापुर जिले में गन्ना काटने और परिवहन श्रमिकों को जन नेता गोपीनाथ मुंडे गन्ना श्रमिक कल्याण निगम के पहचान पत्र नहीं दिए, तो मिलों को पेराई सत्र शुरू नहीं करने देंगे।

जाधव ने कहा, ग्राम सेवकों ने यह बहाना बनाकर इस कार्य से इनकार कर दिया है कि, मजदूरों की जांच कैसे की जायेगी। लेकिन उससे पहले कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मिलों से पिछले तीन साल के श्रमिकों के नाम एकत्रित कर उसकी सूची जिला परिषद को उपलब्ध करा दी है। इसके बाद कलेक्टर रेखावार ने 15 अगस्त तक श्रमिकों को पहचान पत्र देने के आदेश दिए थे।

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