26 सितम्बर,मथुरा: उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना किसानो से किए वादों को पूरा करने के साथ सूबे की चीनी मिलों को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश में सालों से दयनीय हालातों में चल रही चीनी मिलों के रिफॉम के क्रम में सरकार ने आर्थिक तंगी का दंश झेल रही चीनी मिलों को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने के लिए नयी नीति को मंज़ूरी दी है। नई नीति के तहत विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक़ चीनी मिलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। सरकार की चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने की पहल पर बात करते हुए प्रदेश के कैबीनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मथुरा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री चीनी मिलों के आर्थिक उपार्जन के लिए उदारता के साथ वित्तीय मदद कर रहे है, कैबीनेट की बैठक में उन्होने अपने गृह प्रदेश गोरखपुर और बस्ती जिले में स्थित मुडेरवा चीनी मिल को अपग्रेड करने का स्वीकृति दी है। इससे इन चीनी मीलों की कार्य क्षमता बढ़ेगी। काम के घंटे कम होंगे जबकि उत्पादन लागत कम आएगी। चीनी मिल को वित्तीय स्थिति में सुधार होगा तो गन्ना किसानो को चीनी मिलें पैसा समय पर चुकाएगी। मंत्री ने कहा कि चीनी मिलें गन्ना किसानों की आर्थिक तरक़्क़ी का महत्वपूर्ण आधार है। इनको सुदृढ़ करना बेहद ज़रूरी है।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इन चीनी मीलों को अपग्रेड कर इनकी क्षमता बढाने की लगाकर माँग उठती रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये निर्णय लिया है। गोरखपुर की पिपराइच चीनी मिल में गन्ने के रस से इथेनॉल बनेगा जिसका हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उद्घाटन किया था। गोरखपुर चीनी कार्यक्षमता बढ़ने से यहाँ के गन्ना किसानो को फ़ायदा होगा। उनको गन्ना पैराई के लिये लम्बी लाइनें में इन्तज़ार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही इथेनॉल निर्माण से चीनी मिल को अतिरिक्त आय का रास्ता खुलेगा।
मंत्री ने कहा कि बस्ती की मुडेरवा चीनी मिल की मशीनें काफ़ी पुरानी थी उसको लेकर मिल प्रबंधन लगाकर वित्तीय पैकेज की माँग कर रहे थे, जिसे मान लिया गया है। इस चीनी मिल में सल्फ़र युक्त चीनी बनेगी। चीनी मिलों के अपग्रेड के फ़ैसले पर बोलते हुए मथुरा से विधायक और कैबीनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में उद्योग अनुकूल वातावरण तैयार किया है। तत्कालीन सरकारों के समय जहाँ चीनी मिलों को बंद करने के लिए केबीनेट मीटिंग होती थी वहीं इस सरकार में चीनी मिलों को फिर चालू करने के लिए बैठक होती है। मंत्री ने कहा कहा कि हमारी सरकार रोज़गार देने का काम कर रही है न कि लेने का। पिछली सरकारों ने मिलों को बंद कर बेरोज़गारों की भीड बढ़ा दी थी जिसे हम रोज़गार के विकल्प बढ़ाकर कम करने का काम कर रहे है।
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