अहमदनगर: चीनीमंडी
घरेलू और आंतरराष्ट्रिय बाजार में चीनी की मांग में कमी के कारण अहमदनगर जिले में चीनी मिलों की समस्या बढ़ गई है। जिले की 28 सहकारी चीनी मिलों की गोदामों में अभी भी लगभग 11 लाख 23 हजार मीट्रिक टन शेष बची है। चीनी बिक्री ठप्प होने से मिलों की आर्थिक स्थिती पर भी काफ़ी गंभीर असर हुआ है। मिलों में अभी चीनी का ढेर लगा है।
पिछले पेराई सीजन में जिले में कुल 16 लाख 33 हजार 544 मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ था। पेराई सीझन शुरु होने से पहले मिलों के पास तकरीबन 4 लाख 30 हजार टन चीनी अधिशेष थी। दोनों चीनी मौसम की मिलाकर कुल 20 लाख 64 हजार टन चीनी बिक्री के लिए उपलब्ध थी। मिलें चीनी बेचना चाहती थी, लेकिन उन्हें कोई खरीददार ही नही मिला और अक्टूबर 2018 से जून 2019 इन नौ महीनों में मिलों द्वारा केवल 9 लाख 40 हजार 787 मीट्रिक टन चीनी बेची गई। अभी भी मिलों के पास 11 लाख 23 हजार मीट्रिक टन चीनी शेष है।
सीझन के शुरुवात में कई मिलों ने बैंक द्वारा लोन लेकर किसानों का एफआरपी भुगतान किया, लेकिन अब मिलों के सामने आर्थिक कठिनाइयां खड़ी हुई है।गोदामों में पड़ी चीनी के रखरखाव के लिए भी पैसे खर्च हो रहे है, जिससे हालात और खस्ता हो रहे है। ऐसे में मिलें सरकार से मदद की उम्मीद लगा रहा है।
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