सरकार ने सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को तत्काल प्रभाव से एथेनॉल के लिए Sugar Cane Juice/Sugar Syrup का उपयोग न करने का निर्देश दिया है। और साथ ही जारी अधिसूचना में कहा गया है की बी-हेवी मोलासेस से OMCs द्वारा प्राप्त मौजूदा प्रस्तावों से एथेनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी। सरकार के इस निर्णय के बाद चीनी के दामों में भी कमी आएगी, क्यूंकि अब चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी संभव है।
MEIR Commodities के Management Director, Rahil Shaikh ने चीनीमंडी से बातचीत में कहा की एथेनॉल पॉलिसी चीनी उद्योग की लाइफलाइन है और इसमें बहुत इन्वेस्टमेंट भी किया गया है। सरकार के 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग के टारगेट के लिए चीनी उद्योग ने पांच से साढ़े पांच बिलियन लीटर मुहैया कराने के लिए एसेट निर्माण किया है। और यह घोषणा बहुत बड़ा धक्का है। पहले टेंडर में Sugar Cane Juice/Sugar Syrup से 137 करोड़ लीटर का टारगेट था हमारा आपूर्ति करने का। इसमें से 12 या 14 करोड़ लीटर सप्लाय हो चूका होगा। तो लगभग 120 करोड़ लीटर के करीब यह रद्द हो गया। इसका मतलब लगभग 1.6 मिलियन टन चीनी सरकार वापस से सिस्टम में ले आयी है। जहा तक मेरा अनुमान है इसकी जरुरत नहीं थी क्यूंकि हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है डोमेस्टिक मार्केट के लिए। इस सीजन 50 लाख टन के करीब ओपनिंग स्टॉक है और 30 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान था और इस निर्णय के वजह से उत्पादन 31.5 मिलियन टन तक हो सकता है। और लगभग 28.5 मिलियन टन खपत के साथ ही लगभग 3 से 3.5 मिलियन टन अपने भंडार में हम फिर से जमा कर पायेंगे। और बी हेवी मोलासेस से जो अभी डायवर्जन दिख रहा है वह अभी तकरीबन 1.3 मिलियन टन का ही है।
डायवर्जन और चीनी उत्पादन का गणित समझाते हुए उन्होंने कहा की पहले टेंडर में हमने अनुमानित किया था की हम तक़रीबन 3 मिलियन टन चीनी डायवर्जन करेंगे। जिसमे से 1.6 मिलियन टन था गन्ना ज्यूस से और 1.4 मिलियन टन था बी-हेवी मोलासेस था। लेकिन 1.6 मिलियन टन का चीनी मार्केट पर असर पड़ेगा और डोमेस्टिक मार्केट क्रेश हो जाएगा। इसके वजह से किसानों को गन्ना मूल्य देना (FRP) भी मुश्किल हो जाएगा। और इसके साथ ही उत्पादन बढ़ाने की क्षमता भी कम हो जायेगी।
उन्होंने आगे कहा की यह 1.6 मिलियन टन सिस्टम में वापस आने की वजह से कीमतों में असर पड़ेगा। बाजार में अगले 15 दिन के अंदर चीनी कीमतों में ₹100 प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है।
आपको बता दे, केंद्र ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि भारत में वर्तमान एथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,364 करोड़ लीटर है और ईंधन मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
एथेनॉल रोडमैप के अनुरूप, तेल विपणन कंपनियों ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 के दौरान 10 प्रतिशत और एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 के दौरान 12 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया है।
सरकार ने 2014 से एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कई उपाय किए हैं जिनमें एथेनॉल के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का विस्तार; एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत एथेनॉल की खरीद के लिए प्रशासित मूल्य तंत्र; ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल पर जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाना; सम्मिश्रण के लिए राज्यों में एथेनॉल की मुक्त आवाजाही के लिए उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन; देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और बढ़ाने के लिए ब्याज सहायता योजना; एथेनॉल की खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) को नियमित रूप से जारी करना शामिल है।